प्रस्तुत आलेख में दुलारपुर तेघरा बेगूसराय के स्वतंत्रता सेनानी परम श्रद्धेय श्री रघुनाथ ब्रह्मचारी के जीवन चरित के विषय में जानकारी दी जा रही है।
व्यक्तित्व परिचय - श्री रघुनाथ ब्रह्मचारी
पारिवारिक जीवन:
रघुनाथ ब्रह्मचारी दुलारपुर क्षेत्र के बहुत बड़े स्वतंत्रता सेनानी थे। इनका जन्म दुलारपुर मठ से जुड़े कायस्थ परिवार में हुआ था। वर्तमान में दुलारपुर मठ के समीप नूनू डॉक्टर साहब के चचेरे बाबा थे। कालांतर में वो अपने परिवार के साथ बेगूसराय में बस गए और अभी वर्तमान में उनके दोनों पुत्रों के परिवार बेगूसराय में ही रहते हैं। उनके एक पुत्र सचिवालय में उच्च पदस्थ थे।
शैक्षणिक:
रघुनाथ ब्रह्मचारी जी अपने जमाने के उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों में से एक थे। यही नहीं उन्होंने तेघड़ा में उच्च विद्यालय की भी स्थापना की थी। परंतु उस विद्यालय को अंग्रेजों द्वारा बंद करवा दिया गया। उसके उपरांत उन्होंने लोगों को रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए संस्थान की स्थापना की।
सामाजिक:
उन्होंने अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत तेघड़ा था काँग्रेस कमेटी के मंत्री के तौर पर की। वर्तमान में तेघड़ा में जो काँग्रेस ऑफिस दिखाई देता है। उसकी स्थापना में इनका काफी योगदान रहा था। इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और बेगूसराय के कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। 26 जनवरी 1931 को इनके नेतृत्व में प्रथम स्वराज दिवस के अवसर पर विशाल जुलूस निकालकर अंग्रेजी हुकूमत का विरोध किया गया। इस जुलूस पर बेगूसराय टेढ़ीनाथ मंदिर के समीप पुलिस द्वारा गोली चलाई गई जिसमें छः लोगों की मृत्यु हो गई और रघुनाथ ब्रह्मचारी जी को गिरफ्तार कर लिया गया। वो भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के भी काफी करीबी थे और उनके आह्वान पर राजेंद्र प्रसाद तेघड़ा भी आए थे। विदेशी सामानों के बहिष्कार में भी इन्होंने काफी अग्रणी भूमिका निभाई थी।
इनकी मृत्यु 2009 में बेगूसराय में हुई।
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