2 July 2019
आज लगभग साढ़े दस बजे मेरे पिताजी प्रोफेसर चंद्रमौलि चौधरी को सीने में तेज दर्द हुआ. उन्होंने अपने हर्रख स्थित मकान में रह रहे शिक्षक राम उदय जी को इसके बारे में बताया।
राम उदय जी ने स्थानीय डॉक्टर मुन्नाजी से संपर्क किया और उनके पास लेकर गए. रक्त चाप बहुत ज्यादा था. डॉक्टर ने उनको बेगूसराय के एक हॉस्पिटल ग्लोकल हॉस्पिटल में भरती करा दिया। ऑक्सीजन लगया गया और रक्त चाप को नियंत्रण में लाने का प्रयास चलता रहा. रात के दो बजे तक मेरा भाई सत्य प्रकाश भी पूर्णिया से बेगूसराय अपने वाहन से आ गया.
3 July 2019
ग्लोकल हॉस्पिटल में कोई सुधार न देखते हुए वहां से पटना रेफर कर दिया गया. पटना में मेडिका हार्ट इंस्टिट्यूट रोड नंबर १ राजेंद्र नगर में पिताजी को एम्बुलेंस द्वारा लाया गया. बेगूसराय से पटना आते वक़्त मकान में काम कर रहे सारे मिस्त्री, मजदूर और पेंटर भी उनसे मिलने आये और पिताजी ने सबको हाथ हिलाकर काम करते रहने का संकेत दिया। मेडिका हार्ट इंस्टिट्यूट को बिहार का सबसे अच्छा हार्ट का हॉस्पिटल माना जाता है. वहां डॉक्टर प्रभात कुमार सबसे बड़े डॉक्टर हैं. मेडिका में पिताजी की तबीयत उस दिन तक ठीक थी.
4 July 2019
तीन तारीख को हम लोगों ने भी दिल्ली से पटना जाने का प्लान बनाया। 4 की सुबह को हमने दिल्ली से पटना की फ्लाइट ली और साढ़े ग्यारह बजे तक हॉस्पिटल आ गए. उस समय तक पिताजी ठीक थे. सबसे बात की. हमें आशिर्बाद दिया। दो बजे डॉक्टर ने बताया कि उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है. हम लोग भी उम्मीद लगाए थे कि भगवान् अच्छी खबर सुनाएंगे। इस प्रकार 4 तारीख भी निकल गया.
5 July 2019
आज सुबह से ही मन में बैचैनी थी. आज पिताजी कुछ सुस्त नजर आ रहे थे. सुबह में कोई दस बजे कुछ खाया। दोपहर को उनको सेंट्रल लाइन वाला पाइप लगाया गया और चार बजे उनका सीपीआर( Cardio-Pulmonary Resuscitation) हो गया. मेरे पति ने ICU में डॉक्टर को पिताजी का सीपीआर करते देखा। उस समय एक डॉक्टर ने उनसे कहा कि अब चांस काम है. उसके बाद उनको वेंटीलेटर का सपोर्ट दिया गया. उनकी हालत बिगड़ने लगी थी.
6 July 2019
यह दिन हम सबके जीवन का सबसे दुखद दिन साबित हुआ. सुबह से ही बार बार पिताजी को ICU के विंडो से देखने जाती रही. यह सोचकर कि शायद पिताजी हमारी राह देख रहे हों. लेकिन वह तो हम सबसे पल पल दूर होते जा रहे थे. आज दिल्ली से मेरे बच्चे वृद्धि और आशु भी अपने मौसा जी के साथ फ्लाइट से पटना पहुंचे। सब इस उम्मीद में थे कि नानाजी ठीक होकर हमारे साथ चलेंगे। लेकिन विधाता को तो कुछ और ही मंजूर था. आज के दिन शाम को 5 बजकर 37 मिनट पर मेरे पिताजी हम सबको रोते बिलखते छोड़ सदा सदा के लिए चले गए.
देर रात तक उनका पार्थिव शरीर बेगूसराय स्थित उनके आवास सी एम् हाउस हर्रख पर लाया गया.
7 July 2019
आज पिताजी को अंतिम विदाई देने का दिन था. मेरे गांव मकसपुर से कुछ लोग आये. बेगूसराय के स्थानीय लोग भी आये. पिताजी को सिमरिया लाया गया. रास्ते में घनघोर बारिश होने लगी. सब लोग परेशान थे कि अंतिम संस्कार कैसे होगा। लेकिन जैसे ही हमलोग सिमरिया पहुंचे मानो प्रकृति ने भी हमारा साथ देते हुए बादलों को कहीं और भेज दिया। मेरे भाई सत्य प्रकाश ने पिताजी को मुखाग्नि दी. इस प्रकार वे पंच तत्व में विलीन हो गए.
कर्मकांड के मुताबिक पिताजी का श्राद्ध किया गया. हमारे पिताजी आज जहाँ कहीं भी होंगे हम सबको देख रहे होंगे और हम सबको आशर्वाद दे रहे होंगे।
पिताजी ! आप हम सबको बहुत याद आते हैं....
आज लगभग साढ़े दस बजे मेरे पिताजी प्रोफेसर चंद्रमौलि चौधरी को सीने में तेज दर्द हुआ. उन्होंने अपने हर्रख स्थित मकान में रह रहे शिक्षक राम उदय जी को इसके बारे में बताया।
राम उदय जी ने स्थानीय डॉक्टर मुन्नाजी से संपर्क किया और उनके पास लेकर गए. रक्त चाप बहुत ज्यादा था. डॉक्टर ने उनको बेगूसराय के एक हॉस्पिटल ग्लोकल हॉस्पिटल में भरती करा दिया। ऑक्सीजन लगया गया और रक्त चाप को नियंत्रण में लाने का प्रयास चलता रहा. रात के दो बजे तक मेरा भाई सत्य प्रकाश भी पूर्णिया से बेगूसराय अपने वाहन से आ गया.
बेगूसराय स्थित आवास |
3 July 2019
ग्लोकल हॉस्पिटल में कोई सुधार न देखते हुए वहां से पटना रेफर कर दिया गया. पटना में मेडिका हार्ट इंस्टिट्यूट रोड नंबर १ राजेंद्र नगर में पिताजी को एम्बुलेंस द्वारा लाया गया. बेगूसराय से पटना आते वक़्त मकान में काम कर रहे सारे मिस्त्री, मजदूर और पेंटर भी उनसे मिलने आये और पिताजी ने सबको हाथ हिलाकर काम करते रहने का संकेत दिया। मेडिका हार्ट इंस्टिट्यूट को बिहार का सबसे अच्छा हार्ट का हॉस्पिटल माना जाता है. वहां डॉक्टर प्रभात कुमार सबसे बड़े डॉक्टर हैं. मेडिका में पिताजी की तबीयत उस दिन तक ठीक थी.
4 July 2019
तीन तारीख को हम लोगों ने भी दिल्ली से पटना जाने का प्लान बनाया। 4 की सुबह को हमने दिल्ली से पटना की फ्लाइट ली और साढ़े ग्यारह बजे तक हॉस्पिटल आ गए. उस समय तक पिताजी ठीक थे. सबसे बात की. हमें आशिर्बाद दिया। दो बजे डॉक्टर ने बताया कि उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है. हम लोग भी उम्मीद लगाए थे कि भगवान् अच्छी खबर सुनाएंगे। इस प्रकार 4 तारीख भी निकल गया.
5 July 2019
आज सुबह से ही मन में बैचैनी थी. आज पिताजी कुछ सुस्त नजर आ रहे थे. सुबह में कोई दस बजे कुछ खाया। दोपहर को उनको सेंट्रल लाइन वाला पाइप लगाया गया और चार बजे उनका सीपीआर( Cardio-Pulmonary Resuscitation) हो गया. मेरे पति ने ICU में डॉक्टर को पिताजी का सीपीआर करते देखा। उस समय एक डॉक्टर ने उनसे कहा कि अब चांस काम है. उसके बाद उनको वेंटीलेटर का सपोर्ट दिया गया. उनकी हालत बिगड़ने लगी थी.
6 July 2019
यह दिन हम सबके जीवन का सबसे दुखद दिन साबित हुआ. सुबह से ही बार बार पिताजी को ICU के विंडो से देखने जाती रही. यह सोचकर कि शायद पिताजी हमारी राह देख रहे हों. लेकिन वह तो हम सबसे पल पल दूर होते जा रहे थे. आज दिल्ली से मेरे बच्चे वृद्धि और आशु भी अपने मौसा जी के साथ फ्लाइट से पटना पहुंचे। सब इस उम्मीद में थे कि नानाजी ठीक होकर हमारे साथ चलेंगे। लेकिन विधाता को तो कुछ और ही मंजूर था. आज के दिन शाम को 5 बजकर 37 मिनट पर मेरे पिताजी हम सबको रोते बिलखते छोड़ सदा सदा के लिए चले गए.
देर रात तक उनका पार्थिव शरीर बेगूसराय स्थित उनके आवास सी एम् हाउस हर्रख पर लाया गया.
7 July 2019
आज पिताजी को अंतिम विदाई देने का दिन था. मेरे गांव मकसपुर से कुछ लोग आये. बेगूसराय के स्थानीय लोग भी आये. पिताजी को सिमरिया लाया गया. रास्ते में घनघोर बारिश होने लगी. सब लोग परेशान थे कि अंतिम संस्कार कैसे होगा। लेकिन जैसे ही हमलोग सिमरिया पहुंचे मानो प्रकृति ने भी हमारा साथ देते हुए बादलों को कहीं और भेज दिया। मेरे भाई सत्य प्रकाश ने पिताजी को मुखाग्नि दी. इस प्रकार वे पंच तत्व में विलीन हो गए.
प्रोफेसर चंद्रमौलि चौधरी विभागाध्यक्ष, रसायन विभाग, के एस एस कॉलेज, लखीसराय, भागलपुर विश्वविद्यालय |
कर्मकांड के मुताबिक पिताजी का श्राद्ध किया गया. हमारे पिताजी आज जहाँ कहीं भी होंगे हम सबको देख रहे होंगे और हम सबको आशर्वाद दे रहे होंगे।
श्राद्ध कार्यक्रम |
पिताजी ! आप हम सबको बहुत याद आते हैं....