स्पेस या अन्तरिक्ष के किस्से हमेशा से लोकप्रिय और मनोरंजक होते हैं. जब से टीवी में बच्चों के लिए तरह -तरह के सीरियल आदि आने लगे हैं, तब से बच्चों की कल्पना की उड़ान नयी- नयी चीजें सोचनी शुरू कर दी है. भूत-प्रेत, जादू -टोना और राजा -रानी की कहानियों के अलावे भी बहुत ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ बच्चे बहुत बेहतर सोच और ज्ञान रखते हैं.
जब से कोलगेट ने अपना सैंपल भेजा है, और मेरा बेटा आशु ने जबसे उसके सभी चरित्र को देखा है उसने कई कहानियां बना डाली. हर बार कुछ न कुछ नया. मैं उसके द्वारा सुनाई गयी एक मैजिकल स्टोरी यहाँ share करने जा रही हूं.
" मम्मा! रात को मैंने सपने में देखा कि मेरा और मेरी दोस्त ज्योत्सना का चयन स्पेस वाक के लिए हुआ है. कुछ दिनों के ट्रेनिंग के बाद मुझे और मेरी दोस्त को satellite में बैठकर स्पेस में भेजे जाने का प्रोग्राम था. मुझे यह बताया गया कि किस तरह से satellite द्वारा हम दोनों को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर तक भेजा जाएगा. हमारा खाना tube में रहेगा, जैसे कोलगेट टूथपेस्ट होता है. हमें जीरो गुरुत्वाकर्षण के बारे में बताया गया और उसमें एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे जाना है, उसका डमी करके दिखाया गया. स्पेस वाक से सम्बंधित और भी तकनीकी जानकारी दी गयी.
एक निश्चित दिन को हम दोनों श्री हरिकोटा से उड़ान भरने को तैयार थे. हमारे कई मित्र भी हमें देखने आये थे. हम दोनों satellite के अन्दर अपना स्पेशल जैकेट पहनकर बैठ गए. काउंट डाउन शुरू हुआ और हमारा उपग्रह तेजी से आसमान की ऊँचाइयों को पार करता चला गया.हाँ बहुत ही रोमांचक और डरा देने वाला था. कुछ ही मिनटों में हम स्पेस में पहुच चुके थे. वहां से हमें सारे ग्रह, नक्षत्र और उपग्रह साफ़ साफ़ दीख रहे थे. स्पष्ट और चमकीले ग्रह जैसे मानो मुख में चमकीले दांत हों.
हमारा अंतरिश स्टेशन घर जैसा ही था, लेकिन वहां हमें चलने में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी. अगले दिन हम दोनों स्पेस वाक के लिए निकले. स्पेस बहुत ही साफ़ और विशाल था. वहां से हमारी धरती भी साफ़ साफ़ दीख रही थी. हाँ उसका रंग थोडा काला दीख रहा था.
इसी दौरान हमने देखा कि एक छोटा सा प्लेनेट दीख रहा है. हम लोग जबतक वहां पहुँच पाते कुछ एलियन हमारे पास आये और हम दोनों को पकड़ लिया और अपने ग्रह पर ले गए. उनके हाव भाव अच्छे नहीं थे. वे लोग बहुत गंदे दीख रहे थे. उनके दांत बदबू दे रहे थे. मैंने ज्योत्सना को अपने all time kit box से कोलगेट निकालकर उनको देने को कहा. पहले तो वे लोग नहीं ले रहे थे लेकिन जब उन्होंने लिया तो हमने sign language में उनको उसे दांत में लगाने को कहा. जैसे ही उन्होंने लगाया, बहुत बड़ा मैजिक हुआ. उनके दांत के सारे कीटाणु मर गए और उन्हें अच्चा फील हुआ. उन लोगों ने हमें बहुत सारा गिफ्ट दिया और हम जैसे ही गिफ्ट ले रहे थे तभी मम्मा की आवाज आई - " उठो आशु! स्कूल नहीं जाना है क्या? "
सचमुच यह बहुत ही प्यारा ड्रीम था.
“I’m blogging my #ColgateMagicalstories at BlogAdda in association with Colgate.
जब से कोलगेट ने अपना सैंपल भेजा है, और मेरा बेटा आशु ने जबसे उसके सभी चरित्र को देखा है उसने कई कहानियां बना डाली. हर बार कुछ न कुछ नया. मैं उसके द्वारा सुनाई गयी एक मैजिकल स्टोरी यहाँ share करने जा रही हूं.
" मम्मा! रात को मैंने सपने में देखा कि मेरा और मेरी दोस्त ज्योत्सना का चयन स्पेस वाक के लिए हुआ है. कुछ दिनों के ट्रेनिंग के बाद मुझे और मेरी दोस्त को satellite में बैठकर स्पेस में भेजे जाने का प्रोग्राम था. मुझे यह बताया गया कि किस तरह से satellite द्वारा हम दोनों को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर तक भेजा जाएगा. हमारा खाना tube में रहेगा, जैसे कोलगेट टूथपेस्ट होता है. हमें जीरो गुरुत्वाकर्षण के बारे में बताया गया और उसमें एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे जाना है, उसका डमी करके दिखाया गया. स्पेस वाक से सम्बंधित और भी तकनीकी जानकारी दी गयी.
एक निश्चित दिन को हम दोनों श्री हरिकोटा से उड़ान भरने को तैयार थे. हमारे कई मित्र भी हमें देखने आये थे. हम दोनों satellite के अन्दर अपना स्पेशल जैकेट पहनकर बैठ गए. काउंट डाउन शुरू हुआ और हमारा उपग्रह तेजी से आसमान की ऊँचाइयों को पार करता चला गया.हाँ बहुत ही रोमांचक और डरा देने वाला था. कुछ ही मिनटों में हम स्पेस में पहुच चुके थे. वहां से हमें सारे ग्रह, नक्षत्र और उपग्रह साफ़ साफ़ दीख रहे थे. स्पष्ट और चमकीले ग्रह जैसे मानो मुख में चमकीले दांत हों.
हमारा अंतरिश स्टेशन घर जैसा ही था, लेकिन वहां हमें चलने में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी. अगले दिन हम दोनों स्पेस वाक के लिए निकले. स्पेस बहुत ही साफ़ और विशाल था. वहां से हमारी धरती भी साफ़ साफ़ दीख रही थी. हाँ उसका रंग थोडा काला दीख रहा था.
इसी दौरान हमने देखा कि एक छोटा सा प्लेनेट दीख रहा है. हम लोग जबतक वहां पहुँच पाते कुछ एलियन हमारे पास आये और हम दोनों को पकड़ लिया और अपने ग्रह पर ले गए. उनके हाव भाव अच्छे नहीं थे. वे लोग बहुत गंदे दीख रहे थे. उनके दांत बदबू दे रहे थे. मैंने ज्योत्सना को अपने all time kit box से कोलगेट निकालकर उनको देने को कहा. पहले तो वे लोग नहीं ले रहे थे लेकिन जब उन्होंने लिया तो हमने sign language में उनको उसे दांत में लगाने को कहा. जैसे ही उन्होंने लगाया, बहुत बड़ा मैजिक हुआ. उनके दांत के सारे कीटाणु मर गए और उन्हें अच्चा फील हुआ. उन लोगों ने हमें बहुत सारा गिफ्ट दिया और हम जैसे ही गिफ्ट ले रहे थे तभी मम्मा की आवाज आई - " उठो आशु! स्कूल नहीं जाना है क्या? "
सचमुच यह बहुत ही प्यारा ड्रीम था.
“I’m blogging my #ColgateMagicalstories at BlogAdda in association with Colgate.