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Jul 31, 2016

बिहार की लोक संस्कृति का जीवंत चित्र है फिल्म जट जटिन



सबसे पहले मैं उस व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने फिल्म जट जटिन  को YouTube पर अपलोड किया जिसकी वजह इसे देख पाना मेरे लिये संभव हुआ. 

कहा गया है कि सिनेमा समाज का आईना होता है. संस्कृति का वाहक होता है और मुख्य कहानी के साथ ही साथ कई छोटी- छोटी घटनाओं का एक क्रमिक विन्यास होता है. हिंदी फीचर फिल्म जट जटिन के संदर्भ में ये बातें बिलकुल सटीक बैठती हैं.  जट जटिन फिल्म की शुरुआत बाहर से एक रिसर्च स्कॉलर के गोदरगावा पुस्तकालय पर आगमन से होता है. जो जन मानस में बसे जट जटिन की लोक कथा के अध्ययन और अन्वेषण के लिये वहां पधारते हैं. वहीँ से जट जटिन फिल्म की शुरुआत होती है. इस फिल्म के निर्माता और लेखक श्री अनिल पतंग जी ने बिहार की लोक संस्कृति में रची- बसी इस लोक नाटिका को फिर से जीवित कर दिया है. शादी के विधि विधान, महिलाओं द्वारा शादी के गीत, आदि का सुन्दर चित्रण किया है. जब बच्चों का जन्म होता है तो बख्खो बखोनी बधाइयाँ देने आते हैं, नाचते गाते हैं और उपहार ले जाते हैं. लगभग हर गाँव में ग्राम देवता की पूजा होती है. ब्रह्म बाबा स्थान एक अति पवित्र स्थान होता है, जिसका कई बार जिक्र आया है इस फिल्म में. जब नायिका के बच्चे को सांप काट लेता है तो उसे भगत जी के पास ले जाया जाता है और भगतई का बहुत बखूबी चित्रण किया गया है. इस फिल्म के द्वारा स्त्री शिक्षा के महत्व को बताया गया है. इसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार नायिका पढने स्कूल जाती है और शिक्षा ग्रहण करती है.




इस फिल्म के द्वारा गरीबी, चिकित्सा का अभाव, सामजिक अन्धविश्वास जैसे डायन, पोंगा पंथीपना,  आदि अनेक विषयों को कुशलतापूर्वक दिखाया गया है. समाज का अमीर और दबंग व्यक्ति और उसके परिवार के लोग किस तरह से लोगों के साथ अनाचार और गलत व्यवहार करते हैं, वह स्पष्ट देखा जा सकता है.

इस फिल्म के द्वारा यह भी दिखाया गया है कि कृषि और पशुपालन आधारित सामाजिक व्यवस्था लोगों के जीवन दशा को सुधारने में अक्षम है और इसलिए फिल्म का नायक अपने बच्चे की अच्छी परवरिश के लिये होरी के गोबर की तरह  पलायन कर मोरंग जाता है. यह एक सामाजिक कटु सत्य है कि कृषक परिवार के बच्चे आज भी पलायन कर रहे हैं. 
अब बात करते हैं कलाकरों की. इस फिल्म में अभिनेत्री अमर ज्योति ने बहुत ही दमदार अभिनय और नृत्य किया है. उनके अभिनय की जितनी तारीफ़ की जाय कम ही होगा. नायक राजीव दिनकर का अभिनय भी बढ़िया है. सरपंच का भतीजा चमरू इस फिल्म का मुख्य विलेन है. विलेन के साथ ही साथ वह एक नंबर का लफुआ और बदतमीज है. इस रोल को अमिय कश्यप ने बखूबी निभाया है. 

अब करते हैं इस फिल्म के संगीत की बात. इस फिल्म में कुल 16 गाने हैं. इसमें कुछ गाने तो बिहार की माटी की बोल हैं. जैसे – भैया मलहवा हो नैया लगा दे नदिया के पार (LINK), टिकवा जब जब..., धानमा कुटत जट्टा..., आदि अनेक लोकप्रिय गीत हैं. लेकिन गानों की अधिकता फिल्म को कहीं कहीं बोझिल बना देता है.

इस फिल्म की ज्यादतर शूटिंग मिथिलांचल क्षेत्र में ही हुई है जिससे इसकी मौलिकता स्पष्ट दीखती है. इस फिल्म में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता दी गयी है जो बहुत ही सराहनीय प्रयास है.  

फिल्म के संवाद में हिंदी के साथ ही साथ स्थानीय शब्दों को शामिल किया गया है जो इसे प्रमाणिक और असरदार बनाता है. कहीं-कहीं फिल्म थोड़ी धीमी हो जाती है. छायांकन और लाइट्स के प्रभाव को और बेहतर बनाया जा सकता था. 

इस फीचर फिल्म को न्यूयॉर्क इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ढाई लाख डॉलर से कम लागत से निर्मित फिल्मों की श्रेणी में मेरिट अवार्ड से सम्मनित किया गया. यह एकमात्र हिंदी फिल्म है जिसे यह गौरव प्राप्त हुआ है. इसके साथ ही साथ इस हिंदी फीचर फिल्म को कई अन्य पुरस्करों से नवाजा गया है.

कुल मिलाकर इस फिल्म के निर्माता निर्देशक बधाई के पात्र हैं एक अच्छी और प्रभाव शाली फिल्म बनाने के लये. बिहार के सांस्कृतिक चेतना को जगाने में यह फिल्म एक महती भूमिका अदा करेगी ऐसा विश्वास है. जट जटिन मात्र एक हिंदी फीचर फिल्म ही नहीं बल्कि बिहार के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का प्रतिबिम्ब है. कुल मिलाकर यह एक बहुत ही शानदार फीचर फिल्म है. 

This post is written by  guest blogger Pankaj Kumar.  Read more most written by Pankaj Kumar on www.behtarlife.com


2 comments:

  1. your post is so amazing and informative .you are always write your in the meaningful and explaining way.
    nimbu ke fayde

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  2. All the colleges and universities of Rajasthan UG, PG Final Year Examination will start from July 15. The examinations of the 1st year and 2nd year students will not be conducted, they will have to take admission in the next class between June 15 and June 30 * Government Colleges Forms will be filled online and private colleges will have to fill the form in the college
    UNIRAJ Information

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