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Dec 20, 2015

सेक्सुअल उत्पीड़न के मामले में मीडिया रिपोर्टिंग का महत्व


इस पोस्ट को लिखने के पहले मैं एक सच्ची घटना का जिक्र करना चाहूंगी. बेगुसराय जिला के तेघरा में एक खाद व्यवसायी एक गरीब परिवार की लड़की के साथ उसके घर में घुसकर छेड़खानी करता है. उस लड़की ने इसकी जानकारी अपने परिवार के लोगों को दिया. उनके परिवार के लोगों ने यह बात वहां के स्थानीय मीडियाकर्मियों को दिया. इसकी रिपोर्टिंग की गयी. इस बात की जानकारी वहां के लोगों  को मिली. लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठानी शुरू की. लोग इस मामले के खिलाफ गोलबंद हुए. बार बार इसकी खबर मीडिया ने छापा. इसकी खबर महिला आयोग की सदस्या को चला. उन्होंने इस मामले के खिलाफ़ बोली और पीडिता से मिलने उसके घर तक गयीं. पुलिस पर दबाब बना. वहां के राजनितिक दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इसको सोशल मीडिया पर भी प्रचारित किया गया. स्कूल के छात्रों ने भी इसके खिलाफ प्रदर्शन किया. स्कूल के सभी छात्र छात्रों ने जुलुस निकालकर इस घटना का विरोध किया. 
इस घटना की रिपोर्टिंग पढने के लिए यहाँ क्लिक करें : लिंक 1    लिंक 2
अब सवाल यह उठता है कि वे कौन सी तीन बातें हैं जो इस घटना से निकलकर बाहर आती हैं.


1. सबसे पहली बात उस पीडिता लड़की और उसके परिवार जन जिन्होंने इसकी सूचना मीडियाकर्मियों को दिया. यह सच है कि लोग अपने परिवार की इज्जत और मान मर्यादा के लिए मामले को दबा देते हैं; जो कि गलत है. ऐसा करने से उस खाद व्यापारी जैसे पैसे वाले और मनचले लोगों का मन बढता जाता है और वे एक के बाद दूसरी घटना कर देते हैं. यह सच है कि इस तरह की १०० घटनाओं में से सिर्फ एक मामला ही प्रकाश में आता है. अतः मामले को दबाना मामले की घटना को बढ़ावा देना है. 




2. दूसरे, कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि पैसेवाले और पावरफुल लोग अपनी ताकत से मीडियाकर्मियों  को खरीद लेते हैं, लेकिन हर बार और हर व्यक्ति एक जैसा नहीं होता है. आज तो कई खुला मंच है जहाँ कोई भी अपनी बात रख सकता है. फेसबुक, ट्विटर द्वारा भी अपनी बातें रखी जा सकती हैं.

3. बहुत से ऐसे संगठन हैं जिनको इसकी घटना की जानकारी दी जा सकती है. जैसे मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, जिला कलेक्टर, आदि. बहुत सारे NGO भी हैं जो इस क्षेत्र में  कार्य करते हैं. आप इसकी सूचना उन्हें दे सकते हैं.
इसलिए चुप न रहें, अपने अधिकार को जानें, #KnowYourRights , जागरूक बनें. अपनी डायरी में  NGO,  महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग के स्थानीय अधिकारियों का फ़ोन नंबर ईमेल पता रखें ताकि जरुरत पड़ने पर उनसे संपर्क किया जा सके.
विशेष रूप से मीडियाकर्मियों से अपील है कि इस तरह के मामलों की रिपोर्टिंग करें ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.

“I’m writing this blog post to support Amnesty International’s#KnowYourRights campaign at BlogAdda. You can also contribute to the cause by donating or spreading the word.”

Nov 28, 2015

How to Keep a Baby’s Soft Skin Safe

A baby’s skin is as soft as butter, so it is very important to keep the soft and delicate skin of a baby safe and natural at any cost. In this post I am going to jot down five ways to keep a bay’s skin safe.

Oil Selection for massage
It is essential to choose natural and chemical free oil for baby. There are many oils available in the market.  I would prefer to use mustard oil if it is home made. You can put one or two litre of mustard oil in a glass bottle and bury this into the soil for about 6 months and use it. Jayfal can be used in winter season.



Napkin/Diaper
If you live in urban area, many banded diapers are available. You can purchase any brand. Pampers diaper are of good quality. But if you live in rural part of the country, homemade cotton napkin can be prepared.  I have seen people using old used cotton cloths to make napkins for daily use. It is also important to change these diapers frequently if it is wet otherwise it would invite rashes on the soft skin.


Use Nets 
I would prefer using nets to cover the baby for a sound sleep. After oil massage and breastfeeding baby generally sleep. If nets are used during sleep, it protects baby from mosquitoes and other insects. I won’t suggest mosquito repellent as its odour might be harmful for baby. So use mosquito net to keep the baby’s skin from any insect bite.

Sunlight Exposure
In many areas of the country sunlight is regarded as a very important source for growth and nutrition. It helps to synthesize vitamin D into the body. But what amount of sunlight should be acceptable. I would prefer the middle way; neither less nor more.  The baby’s skin should get sunlight properly. If baby is allowed to sit/ sleep/ or lie in the sunlight, more than the required, it may lead to sunburn or may suffer from bad effects of UV rays.



Use of Soaps/Shampoos/other things
While selecting soaps/ shampoos/powder/etc., be careful. Always buy high quality natural things. Most of the products available in the market are not suitable for baby’s soft skin. 

Cloths for Baby
Always go for soft clothes. Use soft towels for cleaning purposes. Do not clean the baby’s skin harshly and never put extra pressure on the skin. Keep more attention while cleaning private body parts.  Always pay attention to the things lying around the baby inside or outside your house.


“Pampers brings you the softest ever Pampers Premium Care Pants. Its cotton-like softness is #SoftestForBabySkin and allows it to breathe, thus keeping baby’s skin soft and healthy, and your baby happy. ”

Photo Credit: www.pampers.com


Nov 15, 2015

The Doctor #madeofgreat

हमारा जीवन एक यात्रा की तरह है. इसमें कई पड़ाव, कई रास्ते और कई मंजिले आती हैं. इस क्रम में हम रोज नयी नयी चीजें करते हैं, नयी नयी बातें सोचते हैं और नए नए लोगों से मिलते हैं. ऐसे तो हमारे जीवन में बहुत से ऐसे लोग मिलते हैं जो कहीं न कहीं हमें प्रभावित करते हैं. कुछ ऐसे भी लोग मिलते हैं जिनके बारे में हमें शायद भी कुछ याद रहता हो. मैं अपने इस पोस्ट में एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जिक्र करने जा रही हूँ जो पेशे से एक डॉक्टर हैं. कोई तीन चार बार मैं उनसे मिली होऊँगी लेकिन उनकी कुछ बातें और उनका कुछ व्यवहार शायद ही कभी भूल पाऊं. इसलिए मैं उन्हें madeofgreat मानती हूँ
 

दिल्ली में स्पाइन से सम्बंधित इलाज के लिए एक खास हॉस्पिटल है इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर, यह वसंत कुंज में स्थित है, यहाँ एक डॉक्टर हैं डॉक्टर महापात्रा. वे स्पाइनल इंजरी के लिए एक स्पेशलिस्ट हैं. पिछले सालमेरे एक रिश्तेदार को अपने इलाज के सिलसिले में इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में भर्ती होना पड़ा. मेरे रिश्तेदार को डॉ महापात्रा के OPD में देखा गया. मैंने जब पहली बार उनको देखा और मरीजों से उनके बातचीत करने का अंदाज देख मैं आश्चर्य चकित थी. कितनी आत्मीयता, कितना अपनेपन से वे मरीजों के बारे पूछते. मैं हैरान थी कि आज डॉक्टर्स प्रोफेशनल होते हैं. फटाफट रोगियों को देखते हैं और आनन् फानन में कई टेस्ट लिख देते हैं. लेकिन उन्होंने रोगी के बारे में सबकुछ पूछा. सारे पुराने परचा देखा, फिर इलाज शुरू हुआ. मेरे पेशेंट को भर्ती करना पड़ा. वह चार दिनों तक हॉस्पिटल में रहे. उनका एक माइनर सा सर्जरी हुआ. इस क्रम में डॉ महापात्रा कई बार मिलने आये. उनके अन्दर की positivity को देख मैं दांग रह जाती. पेशेंट से बात करते वक़्त उसमे उर्जा का संचार कर देते. इतना व्यस्त schedule होने के बावजूद भी हर समय available रहना कोई आसान काम नहीं है. जब भी वह पेशेंट से मिलकर जाते तो पेशेंट खुद ही बोलता पता नहीं इस व्यक्ति में क्या जादू है कि आइल छूते ही दर्द गायब हो जाता है. मेरा मानना है कि यह डॉक्टर साहब की आत्मीयता थी जिसकी वजह से रोगी ऐसा महसूस करता था. मैंने कई अन्य attendant के मुंह से भी उनके बारे में सुना कि अन्य जगहों पर तो डॉक्टर नोट छापने की मशीन हैं. जाते ही लम्बा चौड़ा खर्च बता देते हैं लेकिन डॉ महापात्रा अनावश्यक सर्जरी नहीं करते. यूँ तो मैंने बहुत सारे डॉक्टर्स को जानती हूँ लेकिन डॉ महापात्रा को सच में #madeofgreat मानती हूँ, उनके स्किल के लिए, उनके व्यवहार के लिए और उनकी सादगी और सच्चाई के लिए.

Oct 21, 2015

सबका साथ खुशियाँ अपार

मैं एक चौराहा हूँ. 
चौराहा यानि जहाँ चार रास्ते आपस में मिलते हैं. उस चौराहे पर एक विशाल वटवृक्ष हुआ करता था, लोग उसे थान के नाम से बुलाते थे. शायद उस वृक्ष ने नीचे किसी देवी देवता को स्थापित किया गया होगा. उस चौराहे से एक रास्ता उत्तर दिशा की तरफ जाता है जो आगे जाकर खेतों से लगता है. जहाँ किसान, मजदुर अपनी खेती-बारी के लिये जाया करते थे. दक्षिण दिशा आगे जाकर एक छोटे से बाजार में मिलता है जहाँ लोग अपने दैनिक जीवन से जुड़े सामान खरीदने - बेचने जाया करते थे. उत्तर पूर्व कोने में एक छोटा सा गाँव था. जब से वह वटवृक्ष सूख गया है, उस चौराहा पर जैसे उजाड़ सा हो गया. आने- जाने वाले पथिक जो वहां पहले थोडा रूककर सुस्ता लेते थे, अब सीधे चलते जाते हैं. छाँव की खोज में इधर -उधर देखते हुए. लोग आते हैं, लोग जाते हैं, चौराहा की वीरानी, उसकी ख़ामोशी किसी को न सुनाई देता है, न किसी को दिखाई देता है. पास ही एक मिडिल स्कूल है जिसमे वहां के बच्चे पढने जाते हैं. उसी में एक बच्चा है गणेश.

 
गणेश 10 साल का लड़का है. आज शाम जब वह अपने घर आया तो उसने अपने माँ से कहा – माँ! हमारे घर के सामने जो चौराहा है, वहां मुझे एक पेड़ लगाना है, आम का पेड़! माँ ने हंसकर टाल दिया और कहा – बेटे तुम अभी बहुत छोटे हो. बड़े हो जाओगे तब पेड़ लगाना. गणेश यही बात अपने चाचा समीर को बोलने गया. समीर ने कहा – इसमें कौन सी बड़ी बात है. यह लो आम. पहले इसे खा लो. जब इसका गुठली बच जाए, इसे जाकर वहां चौराहे के पास जाकर गाड़ देना. आम का पेड़ खुद ही निकल आएगा. 

गणेश ने ऐसा ही किया. आम की गुठली और खुरपी लेकर वह चौराहे पर गया. स्कूल में उस दिन छुट्टी थी. उसने गुठली को जमीन में दबा दिया और उसमें पानी भी डाल दिया. जब दूसरे दिन वह स्कूल गया और अपने दोस्तों को बताया तो सारे दोस्त उस पर हंसने लगे. बोले – भला ऐसे आम का पेड़ थोड़े ही निकल आएगा. गणेश उदास होकर घर आ गया. वह रोज स्कूल जाते हुए और आते हुए उस स्थान को देखते आता जहाँ उसने आम की गुठली बोया था. जब उसने यह बात अपने पापा को बताई तो उन्होंने भी डांट दिया और मोबाइल पर चैट करते करते बोला- “कौन देता है यह बाहियात आईडिया तुमको. जाओ पढाई करो.” कई दिनों से वह उस तरफ गया भी नहीं जहाँ उसने गुठली बोया था. एक दिन अचानक उसके एक दोस्त ने उसे यह बात बताई – “गणेश तुम्हारा आम का पेड़ जमीन के ऊपर आ गया.” गणेश ने जब यह सुना तो वह भागता हुआ अपने दादाजी के पास गया. दादाजी को जब यह सब पता चला तो उन्होंने गणेश को साथ लिया और उस चौराहे पर गए. आम का पेड़ देख वह बहुत खुश हुए. उन्होंने कहा- गणेश अब हम सबको इसकी देखभाल करनी होगी. तभी यह जल्दी से बड़ा होगा. गणेश और उसके दोस्त अब उस आम के पेड़ की देखभाल करने लगे. पेड़ जल्दी जल्दी बड़ा होने लगा. देखते ही देखते पेड़  बहुत ऊपर निकल गया. 
अब गणेश कक्षा आठ में चला गया है. आज उस पेड़ का तीसरा जन्म दिन है, गणेश के दादाजी, चाचा, पिताजी, उसके दोस्त और बहुत सारे गाँव वाले इक्कठा हुए हैं. सबने मिलकर आसपास की सफाई की. गणेश के दादाजी ने सबको संबोधित करते हुए कहा – “जो काम हम बड़े नहीं कर सके उसे हमारे गणेश ने कर दिया. हम कई वर्षों से यहाँ एक पेड़ लगाने की सोच रहे रहे थे. इस पेड़ को आज से गणेश के पेड़ के नाम से जाना जायेगा. अगर सबका साथ हो तो खुशियाँ खुद चलकर आती है.” आज सबके साथ होने से यह क्षेत्र हरा- भरा हो गया है.  
आज मैं यानि चौराहा भी बहुत खुश हूँ क्योकि मेरे दोस्त गणेश के प्रयास और सबके साथ ने इस क्षेत्र को हरा- भरा कर दिया है.

Sep 27, 2015

Home Makeover with Multiple Colours #PaintFinder

Home is a place where we all like to live peacefully. Everyone tries to make his or her home a happy place to live in. I also believe to have a clean and colorful house. When it comes to chose the wall and ceiling color; for me it is always difficult find the right choice. When a color suits me it does not suit other family members. But this is a thing which must be resolved with majority. Everyone tries to find out the solution. People look for colorful catalog of different paint manufacturing company. If you chose a color, the sales people will say, this particular color is not available right now. Some other similar shade will work. So these are the little things which make you unusual. Either the thought to compromise is appear or you think that let it go, I will change the color of the wall on next Deepawali.


But here comes a very novel concept of color - #PaintFinder.
This website is self sufficient to provide you all types of color solution rather more than you think. As the company profile says- The Company understands the need of the consumer and provides a wide range of services. At Bed Bath More, a customer can find many ideas, inspirations and products to fulfill all his dreams. So, I log on to the website. First of all I chose paint shade; it was Irish Eye 4T for my drawing room. As I click this shade, I saw the result, how the wall will look on the screen. It gives you an idea about the output. All family members okayed this color. I save this in my cart.  Then I chose the color for the walls of kid’s room. It was California Lettuce 4D.  


This color is very smooth and will light efficient color. The preview of the color is soothing and appreciated by all members of the family. I also cart this color. A customer can calculate the quantity of paint by feeding the square area in the boxes and can calculate the price of the paint used. I appreciate the services and the variety of colors at Bed Bath More.  This is the right choice!
You can select your favorite color using this website. I like the home paint guide very much.



“I am participating in the #PaintFinder activity in Association withBlogAdda & Bed Bath & More“.

सच्ची सलाह सफलता का द्वार

यूँ तो जीवन में हर हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है और लोगों को निरंतर अपने व्यक्तित्व के विकास पर धयान भी देना चाहिए. चाहे यह स्वास्थ्य से जुड़ा हो या परिवार से, या व्यवहार से, या फिर नौकरी से. ऐसे तो हर किसी को किसी न किसी रूप में लोग सलाह देते रहते हैं लेकिन मैं यहाँ एक #SachchiAdvice का जिक्र करना चाहूंगी जिसने वाकई मेरे छात्र जीवन में परिवर्तन ला दिया. जब भी मैं परीक्षा देती, परीक्षा परिणाम आने के बाद मेरे अंक उतने अच्छे नहीं आते जितना मैं सोचती. मैं मन ही मन सोचती-मैंने लिखा तो सब कुछ था, याद भी किया था फिर मेरे अच्छे अंक क्यों नहीं आते. मैंने यह बात अपने सी एच सर को बताई. उन्होंने मुझे एक सलाह दी. जब भी तुम एग्जाम देने जाओ, अपने साथ घडी जरुर ले जाओ. हर आधे घंटे पर घडी देखो और यह देखो कि तुम्हारी गति सही चल रही है कि नहीं. अंतिम के 10  मिनट बचा कर रखो. इस दस मिनट में तुमने अपनी उत्तर पुस्तिका में क्या लिखा है यह एक बार ध्यान से देखो. अपने द्वारा लिखे गए उत्तर को एक बार पुनः देखने से यह पता चल जाता है कि कोई प्रश्न छूट तो नहीं गया और कुछ इस तरह की गलतियाँ दीख जाती हैं जिसे तुम्हे स्वयं देखकर आश्चर्य होगा कि ऐसी गलती मैंने कैसे छोड़ दी. मैंने उसने इस #SachchiAdvice को ठीक तरह से समझ लिया.

कुछ महीने बाद मेरी वार्षिक परीक्षा होनी थी. मैंने  सर द्वारा दी गयी सलाह को अपने सारे विषयों की उत्तर पुस्तिका लिखते समय भरसक पालन करने का प्रयास किया. मैंने अंतिम के 10 मिनटों में जब अपने ही आंसर सीट को पढ़ा तो मुझे मालूम हुआ कि परीक्षा देते समय मैं लिखावट संबंधी कितनी गलती करती हूँ. एक छोटी सी सलाह का पालन करते हुए मुझे यह पता चल गया था कि एक सच्ची सलाह कितनी महत्वपूर्ण होती है. उस बार मेरे नौवी क्लास का रिजल्ट आया और मेरा रिजल्ट बहुत ही अच्छा हुआ. मैं अपने पूरे स्टूडेंट लाइफ में इसका पालन किया. Thanks to #SachchiAdvice!

“I am participating in the #SachchiAdvice Contest by MaxLife in Association with BlogAdda.”

Sep 26, 2015

टाटा स्काई प्लस ट्रान्सफर के साथ ले पूरा आनंद टीवी का


आज के माहौल में टीवी  को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. घर के सभी सदस्यों को टीवी देखना अच्छा लगता है. बच्चे स्कूल से आते ही सोफे पर लेट जाते हैं और रिमोट की मांग करने लगते हैं. कार्टून जो देखना है उन्हें! देना ही पड़ता है आखिर पूरे दिन स्कूल में पढाई के बाद थोडा मनोरंजन तो चाहिए ही उन्हें. 
घर के बड़ों का एक अपना टाइम होता है, शाम को पतिदेव ऑफिस से आते हैं तो प्राइम टाइम उनका. न्यूज़ देखना है, डिबेट सुनना है या फिर डिस्कवरी या बीबीसी देखना है. ऐसे में मुझे लगता है कि मैं बहुत कुछ मिस कर रही हूँ.  मेरे सीरियल जो मुझे बहुत अच्छे लगते हैं; जैसे कुमकुम भाग्य, सतरंगी ससुराल, साथ निभाना साथिया, स्वरागिनी, सुमित संभाल लेगा, डोली अरमानों की, जमाई राजा. इन सीरियल को मिस कर जाती हूँ तो लगता है यह आधा- अधूरा मनोरंजन कब तक चलेगा. बहुत कुछ समझौता करके चलना पड़ता है. अमिन मन ही मन सोचती काश यह सब मोबाइल या तब पर आता तो मैं चुपचाप अपने स्मार्ट फ़ोन पर यह सब कुछ देख लेती. 

खैर मेरी मन की इच्छा पूरी हुई. जब से टाटा स्काई प्लस ट्रान्सफर का सेट टॉप बॉक्स आया है, मैं अपने मनोवांछित सीरियल को रिकॉर्ड कर अपने मोबाइल पर देख सकती हूँ. इसमें बहुत सारे features हैं. सेट टॉप बॉक्स में 500 GB का हार्ड डिस्क लगा होता है जिसमे आप अपनी पसंद के कार्यक्रम, सिनेमा, रियल्टी शो रिकॉर्ड कर सकते हैं और अपने पिछले पांच दिनों के प्रोग्राम को जहाँ मन हो वहां देख सकते हैं. इसके लिये आपको अपने डिवाइस को पंजीकृत करवाना होगा. टाटा स्काई प्लस ट्रान्सफर का पिक्चर क्वालिटी और साउंड क्वालिटी भी बहुत बढ़िया है. हाई डेफिनिशन और डॉल्बी साउंड सिस्टम का आनंद लिया जा सकता है.



 मैं तो बहुत खुश हूँ कि टाटा स्काई प्लस ट्रान्सफर ने इतने फीचर से भरे सेट टॉप बॉक्स को बाजार में उतारा है. इसमें विडियो ऑन डिमांड का भी विकल्प है, यदि आपको अपने पसंद की कोई फिल्म देखनी है तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. आपने जो विडियो रिकॉर्ड किया है उसको Rewind, Forward या Pause भी कर सकते हैं. इससे आप अपने मनपसंद सीन को जितनी बार देखना चाहते हैं, देख सकते हैं. बकवास सीन को आगे भगा सकते हैं. है न मजेदार टाटा स्काई प्लस ट्रान्सफर! अभी इसका मूल्य 9300 रूपये रखा गया है. टाटा स्काई के पहले के उपभोक्ता भी अपने पुराने स्कीम को अपग्रेड कर इसे खरीद सकते हैं.

Sep 2, 2015

तेघड़ा का भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मेला ऐतिहासिक


तेघड़ा ( बेगूसराय) का भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मेला ऐतिहासिक है। देश भर में दूसरा सबसे बड़ा मेला का आयोजन यहां किया जाता है। इस मेले का भी गौरवमयी इतिहास रहा है। तेघड़ा में मेले का आयोजन प्रत्येक वर्ष धूमधाम से होता है। मेला तीन दिनों तक चलता है। इसमें आसपास के क्षेत्रों से हजारों लोग यहां पहुंचते हैं। 

भयंकर महामारी की चपेट में था तेघड़ा : वर्ष 1927 में तेघड़ा में प्लेग की बीमारी भयंकर महामारी के रूप ले ली थी। सैकड़ों की संख्या में लोग प्लेग से मारे गय थे। महामारी के कारण तेघड़ावासी बाजार छोड़ कर गांवों में जाकर बसना शुरू कर दिया था। कई लोग तेघड़ा छोड़कर दूसरे शहरों एवं राज्यों में जाकर बस गए थे। 
  • प्लेग की महामारी में मारे गये थे सैकड़ों लोग 
  • श्रीकृष्ण की आस्था और भक्ति से मिला था निजात 
  • अभी दस किलोमीटर परिक्षेत्र में 14 मंडपों में मेला का आयोजन
महामारी से बचने के लिए किया था यज्ञ अनुष्ठान : प्लेग की इस भयंकर महामारी से बचने के लिए लोगों ने काफी उपाय किए। बड़े-बड़े यज्ञ और अनुष्ठान किया। नामी वैद्यों को बुलाया गया। लोग परेशान होकर भगवान की पूजा करने लगे थे।
1928 में पहली बार मनाया गया जन्मोत्सव: चैतन्य महाप्रभु के कीर्तन मंडली की सलाह पर सर्वप्रथम 1928 में स्टेशन रोड में शिवमंदिर के समीप स्व.वंशी पोद्दार, विशेश्वर लाल, लखन साह के नेतृत्व में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। तत्पश्चात कुछ ही दिनों के बाद प्लेग से लोगों को छुटकारा मिल गया था। तब से तेघड़ावासियों की आस्था भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ गई। 1929 में स्व. सूर्यनारायण पोद्दार हाकिम, नुनु पोद्दार, हरिलाल सहित अन्य के नेतृत्व में मेन रोड में मुख्य मंडप में भी मनाया जाने लगा। यह सिलसिला करीब दशकों चला। 


श्री चैतन्य महाप्रभु

चैतन्य महाप्रभु की कीर्तन मंडली ने दी थी सलाह : 28 फरवरी 1928 को भारत भ्रमण के दौरान चैतन्य महाप्रभु की कीर्तन मंडली तेघड़ा पहुंची। कीर्तन मंडली तेघड़ा में रात में रुकी थी। इसी दौरान तेघड़ा बाजार के प्रबुद्ध लोगों ने कीर्तन मंडली के संतों से मिलकर प्लेग से निजात पाने के उपाय पूछा था। तब मंडली के एक संत ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने की सलाह दी थी। 
वक्त के साथ कारवां भी बढ़ता चला गया : समय के साथ तेघड़ा में भगवान श्रीकृष्ण में लोगों की आस्था बढ़ने लगी। साथ ही मेले के स्वरूप में मंडपों की संख्या भी बढ़ती गई। कलांतर में स्व. लखी साह, स्व. रामेश्वर साह, हरिलाल मखाड़िया के नेतृत्व में धूमधाम से मेला का आयोजन किया जाने लगा।


साभार : दैनिक जागरण

Aug 21, 2015

Tanka

तंका जापान में प्रचलित एक काव्य शैली है. देखिये एक बानगी: 


 तंका 

चाँद ओ चाँद  (5)
सो गया है अंबर (7 )
सूनी है रात  (5)
न कोई तेरे साथ (7 )
मिलन की है आस  (7 )



डांस, संगीत और सर्वोत्तम ताजगी


इस पोस्ट को लिखना मेरे लिए किसी चुनौती से काम नहीं थी. सबसे पहले विडियो बनाना, एक कठिन कार्य था. मैंने अपनी बिटिया को इसके लिए मनाया. जब मैंने उसे ताजगी का धमाका विडियो का म्यूजिक उसे सुनाया, वह डांस करने के लिए तैयार हो गयी. नियमानुसार इसमें कोलगेट मैक्स फ्रेश पैक को प्रोप के रूप में दिखाना जरुरी था. मैंने जब म्यूजिक प्ले किया तो उसके पैर स्वयं हलचल में आ गए. आजकल के बच्चे आउटर एक्टिविटी में ज्यादा रूचि लेते हैं इसमें उनके स्कूल का, टी वी का और मोबाइल फोन का महत्वपूर्ण रोल है. 

 



ताजगी का धमाका धुन में एक नयापन और बीट इस तरह से है कि कोई भी डांस करने को राजी हो जाए. एक ताल का धुन चलते चलते अचानक पॉप स्टाइल में चला जाता है, और यही वह बिंदु था, जहाँ मैंने बच्ची के पैरों में विविधता देखी. सच ही कहा गया है कि संगीत और नृत्य का संगम हमें एक अनूठी ऊंचाई पर ले जाता है, जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है. शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और इस समय शरीर में कुछ इस तरह के स्त्राव होते हैं जो हमें सामान्य स्थिति में अनुभव नहीं होती. यही ताजगी का एक सुखद अहसास देता है. इस पोस्ट को लिखते हुए मैंने बहुत कुछ नया सीखा और अनुभव किया. थैंक्स कोलगेट! थैंक्स ब्लॉगअड्डा!




“I am dancing for #MaxFreshMove activity at BlogAdda. If you are not blogging, you can join me by participating in this #MaxFreshMove facebook activity.”

Aug 20, 2015

इन्टरनेट का नया दौर एयरटेल 4G के साथ

सूचना क्रांति के इस दौर में जो जितना तेज है, गतिमान है, उसे उतना आगे समझा जाता है. आपने यह वाक्य जरुर पढ़ा होगा – Speed thrills but kills. लेकिन यह वाक्य कार की गति पर लागू होता है, इन्टरनेट पर नहीं. जब इन्टरनेट के 2G का दौर था, उस समय उतना मजा नहीं था, क्योंकि नेटवर्क धीमा था, उसके बाद 3G आया, अनुभव थोडा बढ़िया हुआ. वेबसाइट जल्दी जल्दी खुलने लगा. लेकिन अब 4G आ गया है. इस पोस्ट में हम 4G के बारे में चर्चा करेंगे. आज हर रोज कुछ न कुछ नये  इनोवेशन्स हो रहे हैं और तकनीक तेजी से बदल रहा है. आज अगर हम इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की बात करें तो वे ग्राहकों को अच्छी से अच्छी सेवा देकर बाजार का एक बड़ा हिस्सा हड़प लेना चाहते हैं ताकि उनकी कमाई बढ़ सके. उनका मुनाफा बढ़ जाए, इसलिए वे लगातार  नेटवर्क की गति बढ़ाने के लिए कोशिश में लगे रहते हैं. 



Airtel भारत में प्रमुख इंटरनेट सेवा प्रदाताओं में एक है. एयरटेल अपने प्रौद्योगिकी को लेकर हमेशा अव्वल बने रहना चाहता है, इसलिए किसी भी तरह की नयी तकनीक को एयरटेल सबसे पहले प्रयोग में लाकर अपने ग्राहकों को सर्वोतम सेवा प्रदान करता है. एयरटेल ने इसी क्रम में 4G  टेक्नोलॉजी लेकर भारतीय बाजार में आया है. इस कम्पनी के करोड़ों यूजर इस 4G नेटवर्क का आनंद उठा सकते हैं.  4G चौथी पीढ़ी का नेटवर्क है जो 3G की तुलना में बहुत तेज है. यह पहले के 3 जी नेटवर्क की तुलना में काफी बेहतर भी है. आप बाजार से एक 4 जी सिम खरीद सकते हैं और इसके इंटरनेट की गति की जांच कर सकते हैं. यदि आपके पास कोई पुरानी  सिमकार्ड है तो एयरटेल आपको अपने सिमकार्ड को 4G सिम में बदलने का सुनहरा अवसर भी निःशुल्क दे रहा है. इसके लिए आप Airtel के वेबसाइट पर जाकर जरुरी जानकारी भर दें, उसके बाद एयरटेल के प्रतिनिधि आपके घर आकर 4G सिमकार्ड दे जायेंगे.



इस सिमकार्ड का असली मजा आप तभी ले पाएंगे जब आपके पास 4G फोन यानि 4G हैंडसेट हो. ये हैंडसेट बाजार से खरीदा जा सकता है या फिर एयरटेल वेबसाइट पर भी लिंक दिया गया है, वहां से लिंक आपको फ्लिपकार्ट या अमेज़न पर ले जायेगा, जहाँ से आप अपना 4G फोन खरीद सकते हैं. 
आपको क्या 3G और 4G के बीच का फर्क पता है? मान लीजिये आपको एक HD मूवी डाउनलोड करना है जो 4.5 GB का है. यदि इसे आप 3G नेटवर्क से डाउनलोड करते हैं तो आपको 5 घंटे लगेंगे लेकिन 4G नेटवर्क पर सिर्फ आधे घंटे यानि 30 मिनट में डाउनलोड पूरा हो जायेगा. 4G का सुपर स्पीड देखकर आप दंग रह जायेंगे. 
विशेष तुलनात्मक जानकारी के लिए Airtel के वेबसाइट पर जाकर ले सकते हैं. 
सबसे बड़ी बात यह है कि एयरटेल अपने सभी 3G ग्राहक को 3G के ही रिचार्ज रेट पर 4G का लाभ दे रहा है. आप 3G रिचार्ज पर 4G का मजा ले सकते हैं. यदि आप एयरटेल 4G डेमो देखना चाहते हैं तो आप अपने पास के स्टोर को वेबसाइट पर खोजकर वहां जाकर डेमो ले सकते हैं. इसके लिए एयरटेल कई 4G सर्किल बनाये हैं. अभी इसमें 52 शहरों को शामिल किया गया है. वाकई एयरटेल का 4G नेटवर्क मोबाइल यूजर को इन्टरनेट के प्रयोग और अनुभव को एक नयी ऊंचाई पर ले जायेगा.


Aug 10, 2015

ड्रैगन की हार #ColgateMagicalStories

इस पोस्ट में कोलगेट द्वारा आयोजित मैजिकल कैसल और तीन टूथ पेस्ट के सेट से निकले पात्रों को ध्यान में रखते हुए एक कहानी बुनना था. इन तीनों सेट में कैसल, रॉयल फॅमिली तथा ड्रैगन और टावर से सम्बंधित चित्र थे जिन्हें काटकर कोई कहानी बनानी थी. उन पात्रों का एक विडियो भी बनाना था, जिसे बनाना बहुत मुश्किल था. खैर मोबाइल द्वारा विडियो बनाने का प्रयास किया गया है, यह अब आपके ऊपर है कि यह आपको कैसा लगता है.

   

कहानी : जैसा कि मेरी बिटिया ने कहानी बनाया, उसे मैं यहाँ शेयर कर रही हूँ. राजनगर के राजा रिपुदमन अपने जादुई किले में अपने परिवार के साथ सुखपूर्वक राज कर रहे थे. राजा को दो बच्चे थे – राजकुमारी और राजकुमार. महल में सेवा के लिए बहुत सारे नौकर चाकर और सुरक्षा के लिए सिपाही थे.
पड़ोस के राज्य का राजा रिपुदमन से ईर्ष्या करता था. वह सीधी लड़ाई में रिपुदमन को पराजित नहीं कर सकता था, इसलिए उसने जादूगरनी (विच) और ड्रैगन को भेजा. जादूगरनी ने अपनी जादू से राजकुमारी को पास के टावर की दूसरी मंजिल पर बंदी बना लिया और टावर की सुरक्षा के लिए ड्रैगन को लगा दिया. ड्रैगन बहुत शक्तिशाली था. उसे हराना लगभग नामुमकिन था. लेकिन राजकुमारी बहुत होशियार थी. उसने जादूगरनी और ड्रैगन को बात करते हुए सुन लिया था कि राजकुमारी के बदले राजा से उसका राज मांग कर राजा को कंगाल बना देना है. उसने कुछ अन्य बातचीत भी सुना. इस बारे में राजकुमारी सन्देश  पने भाई तक पहुँचाना चाहती थी लेकिन कैसे? वह तो कैद थी. फिर राजकुमारी के मन में एक विचार आया. उसने अपने दुपट्टे के एक कोने में एक कागज के टुकड़े में कुछ लिखकर टावर से नीचे फेंका. उसी रास्ते से मालिन राजा के यहाँ फूल देने जाया करती थी. उसने राजकुमारी के दुपट्टे को पहचान लिया और सारी बात राजा को जाकर बताई.  राजकमार ने दुपट्टे से कागज का टुकड़ा खोला और उसमें लिखा सन्देश पढ़ा तो वह हँसने  लगा. राजा ने पूछा – ‘हँस क्यों रहे हो राजकुमार?’ राजकुमार बोला – नहीं कुछ नहीं, आप चिंता मत कीजिये. मैं ड्रैगन को हराकर राजकुमारी को अकेले ले आऊंगा.”
“पर कैसे”
‘यह बाद में बताऊंगा.’
अगले दिन सुबह सुबह राजकुमार अपने दो वफादार सिपाही को लेकर टावर की ओर चला. राजकुमार को आते देख ड्रैगन उसकी तरफ दौड़ा. राजकुमार ने उसे अपना चमकता हुआ दांत दिखाया और सिपाही को भी ऐसा ही करने बोला. यह देख ड्रैगन ठिठक गया. अब राजकुमार और सैनिक ड्रैगन पर टूट पड़े. राजकुमार ने ड्रैगन को मार दिया और ड्रैगन की आत्मा में ही जादूगरनी के प्राण बसते थे, इसलिए वह भी मर गयी. सभी लोग वापस मैजिक कैसल आये. फिर राजा ने पूछा – ‘राजकुमार, अब तो बता दीजिये कि आखिर राजकुमारी ने कागज़ की पर्ची में क्या लिख भेजा था.’ राजकुमारी बोली – ‘ मैं बताती हूँ पिताजी! उसमें लिखा था. अपना चमकता दांत दिखाओ, और ड्रैगन को हराओ. ड्रैगन में जादूगरनी के प्राण बसते हैं इसलिए वह खुद ही मर जायेगी. यह बात मैंने जादूगरनी और ड्रैगन के बातचीत के दौरान सुनी थी.”
इस प्रकार कैसल में फिर से ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी.

For more information, please see this video:

Jul 14, 2015

ताजगी और स्फूर्ति देते ये विडियो

ऐसा कई बार होता है कि जब आप थके हों या किसी और वजह से आप उदास हों, और आपको आपका मनपसंद विडियो या गाना देखने या सुनने को मिल जाय तो मन फ्रेश हो जाता है, ताजगी से भर जाता है. यहाँ पर अल्लू अर्जुन और अनुष्का मनचंदा के विडियो का लिंक दिया जा रहा है. यह विडियो ऊर्जा से भरपूर है. इसको देखने के बाद मन में ऊर्जा का संचार हो जाता है और दिल झुमने लगता है. जरुर देखे इस विडियो को : 

  
मैं यहाँ पर इसके अलावा कुछ और विडियो का लिंक embed कर रही हूँ. ये सारे विडियो मुझे बहुत पसंद हैं. उम्मीद करती हूँ आप सबको भी पसंद आयेगी. 
1. फिल्म एक विलेन का यह गाना ताजगी का एक एहसास लिए आता है और दिल को छूकर निकाल जाता है. अंकित तिवारी की आवाज बिलकुल फ्रेश है.



2. इस गीत का बोल तो “गन्दी बात” है लेकिन जब सोनाक्षी और शाहिद की जोड़ी इस गाने पर नाचते हैं तो बरबस आप भी नाचने लगते हैं, यही तो संगीत का जादू है जो पैरों में जोश ला देता है.



3. हम फिल्म का यह गाना यू तो नब्बे के दशक का है लेकिन आज भी इसका प्रभाव काम नहीं हुआ है. जुम्मा चुम्मा दे दे खासकर यंग लोगों को ताजगी और रोमांस से लवरेज कर देता है.


4.  आप किसी भी शादी विवाह के फंक्शन में चले जाइए, हर जगह लन्दन ठुमकदा गाना जरुर बजाया जाता है. वहां का सारा माहौल जोश और ताजगी से भर जाता है. 



5. यह गाना तूने मारी एंट्री यार बजते ही सच में दिल में घंटी बजने लगती हैं. कहते हैं कि संगीत सिर्फ ताजगी ही नहीं देती, उससे निकलने वाली तरंगें मन में ऊर्जा का संचार कर देती हैं. 




6. चेन्नई एक्सप्रेस का नाम आते ही लुंगी डांस की याद आ जाती है. इस गीत में freshness है, energy हैं और entertainment है. 





7. जब अनार कली डिस्को चली का विडियो देखते ही मन झुमने लगता है. यह मेरा पसंदीदा गीत है. इसके स्टेप्स मुझे बहुत अच्छे लगते हैं.


8. ABCD 2 का यह गाना सुन साथिया मन को सुकून देता है. श्रद्धा कपूर और वरुण धवन का डांस मुझे बहुत अच्छा लगा.




9. देश प्रेमी 1982 का यह गाना खातून की खिदमत में सलाम अपुन का मेरा प्रिय विडियो है. हेमा मालिनी और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया यह विडियो मन को ताजगी से भर देता है. डांस का स्टाइल देशी जरुर है लेकिन उसमे जो energy लेवल है उसका कोई मुकाबला नहीं है. 




इन गीतों का विडियो मैं बार बार देखती हूँ और इसका आनंद लेती हूँ. संगीत का विडियो दृश्य और श्रव्य यानि देखकर और सुनकर दोनों तरह से दिल को सुकून देता है. धन्यवाद!

       The blog post should contain the mandatory code “I am blogging for #MaxFreshMove activity at BlogAdda in association with Colgate MaxFresh

Jul 12, 2015

तेल मालिश सही पोषण के लिए बहुत जरुरी!

नवजात शिशु खिले हुए फूल की तरह होते हैं. उनकी मासूमियत, उनकी नन्हे - नन्हे हाथ पैर, उनकी कोमल त्वचा देखकर उपरवाले के करिश्मे के सामने सिर अपनेआप झुक जाता है. लेकिन धरती पर  आने के बाद से लेकर कुछ वर्षों तक उनकी देखभाल अच्छी तरह से करनी पड़ती है. जब मेरी बिटिया हुई तो मुझे बच्चों को किस तरह से रखा जाय, के बारे में ज्यादा कुछ मालूम नहीं था. लेकिन घर में  बड़े बुजुर्गों का इन सब के बारे में सहयोग और परामर्श आपको सब कुछ सिखा देता है. नवजात शिशु की विशेष देखभाल करनी पड़ती है. इस पोस्ट में विशेष रूप से बच्चों के मालिश के बारे में बात करना चाहूंगी. 



छोटे बच्चों का नियमित मालिश बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरुरी ही नहीं अति आवश्यक  होता है. नवजात शिशु चूँकि किसी तरह का कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करता है, बल्कि वह अठारह से बीस घंटे तक सोता रहता है. जब ऐसे नवजात सोकर उठते हैं तो उनके शरीर की मालिश की जाती है. वजह यह है कि ज्यादा देर तक सोने की वजह से उनके शरीर में दर्द होने लगता है या थकान हो जाती है. दूसरे नवजात सिर्फ माँ के दूध पर आश्रित होते हैं इसलिए उनका पाचन भी सही तरीके से होता है. मालिश करने से बच्चों के शरीर का बाहरी भाग यानि त्वचा भी वातावरण के प्रभाव से बच्चों को बचाता है और धीरे धीरे बच्चे का शरीर पर्यावरण के अनुकूल होता जाता है. अब सवाल यह उठता है कि किस तेल से बच्चों की मालिश की जाय. ग्रामीण इलाके में लोग  सरसों का तेल बच्चों की मालिश के लिए प्रयोग करते हैं. लेकिन इस मामले में डाबर लाल तेल का प्रयोग भी अधिकतर लोग करते हैं. डाबर का लाल तेल का प्रयोग मैं भी अपनी बिटिया की मालिश में करती थी. लाल तेल बच्चों के शरीर के लिए बहुत अनुकूल होता है और इससे बच्चों के त्वचा की कांति बनी रहती है और वातावरण का उसके शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाता है. जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं और कुछ कुछ शारीरीक गतिविधि करने लगते हैं तो उनके मालिश करने की संख्या भी काम होने लगती हैं. यदि एक ३ महीने के बच्चे की मालिश छह से आठ बार की जाती है तो  दो साल के बच्चों की दो बार मालिश अमूमन की जाती है.
इसलिए मालिश बच्चों के विकास और पोषण के लिए बहुत जरुरी होता है लेकिन ध्यान रहे बच्चों की मालिश वैसे तेल से करे जो शुद्ध हो, नेचुरल हो, और किसी भी तरह के केमिकल रहित हो, नहीं तो वह बच्चों के जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. आजकल तो डाबर का मालिश तेल ओलिव और बादाम जैसे गुणकारी तत्वों से भरपूर है जो बच्चों का समुचित पोषण करते हैं और उनकी किलकारी को हमेशा बनाये रखते हैं.


“I am participating in the #FirstLove activity at BlogAdda in association withDabur.

Jul 9, 2015

शहद – एक प्राकृतिक मिठास स्रोत

शहद भी मीठा, चीनी भी मीठा. फिर दोनों में क्या अंतर है? कहने को तो दोनों मीठा होता है लेकिन दोनों में बहुत ही व्यापक अंतर है. शहद चीनी की तुलना में स्वास्थ्य के लिए अधिक अनुकूल है. चीनी में सिर्फ ग्लूकोज  होता है जबकि शहद में ग्लूकोज , फ्रूकटोज, स्टार्च फाइबर, विटामिन एवं अन्य खनिज तत्व भी पाए जाते हैं. Honey Diet हमारे भोजन को संतुलित बनाता है. Honey is an essential component to make our food balanced.  आखिर शहद में वह क्या खासियत है जिसकी वजह से इसे हमें अपने भोजन अंग बनाना चाहिए.



शहद त्वचा को कांति प्रदान करता है. यह एक एंटीऑक्सीडेंट है. एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर के प्रतिरोधी क्षमता को बढाता है.  
गरमी में तरबूज और शहद को मिलकर जूस का सेवन किया जा सकता है. एक चौथाई भाग तरबूज लें. उसका बीज निकालकर मिक्सी में पीस लें. पुदीना के कुछ पत्ते मिला दें. अदरक भी मिला सकते हैं. शहद मिलाकर उसे इस्तेमाल करें.
शहद और नीबू के रस को बराबर भाग में मिला लें. दिन में दो बार,  20 मिनट तक अपने चेहरे या त्वचा पर लगाकर रखें. इससे चेहरे पर काले रंग के निशान दूर हो जाता है. 
शहद के प्रयोग का प्रमाण 4000 साल पुराना है. मेसोपोटामिया की सभ्यता में शहद के मिलने का प्रमाण है. हिन्दू पूजा पाठ में शहद का प्रयोग अनिवार्य रूपा से किया जाता है. चीनी तुलना में शहद का शर्करा स्तर (GI Index ) कम होता है. शहद का उत्पादन चूँकि honeybees द्वारा परागण क्रिया द्वारा किया जाता है इसलिए इसमें मिलावट की कोई सम्भावना नहीं रहती. अगर अच्छे ब्रांड का शहद लिया जाय तो उसका उपयोग हमारे भोजन को सम्पूर्ण बना देता है. 
यदि किसी को अपच की समस्या है तो उसे यह नुस्खा अपनाना चाहिए. अदरक के छोटे छोटे टुकड़े  करें. अदरक को काटने से पहले उसके छिलके उतार लें. अब उन टुकड़ों को एक कांच के बोतल में रखे शहद में डुबाकर रख दें. कांच के बोतल के मुंह को कपडा से बांधकर 12 -15 दिन धुप में सुखाएं. सुबह शाम 2 -4 टुकड़ों के सेवन करने से अपच की बीमारी ठीक हो जाती है. 
शहद का एक अन्य प्रयोग जो कि ठण्ड के दिनों में होनेवाली एलर्जी में बहुत उपयोगी है. नीम की पत्तियों को पीसकर गोली बना लें. अब उस गोली को सुबह सुबह शहद में डुबोकर खाली पेट खाएं. इसे लेने के एक घंटे बाद तक कुछ भी नहीं लें. यह ठण्ड में होनेवाली एलर्जी में बहुत उपयोगी है. 
कहा गया है शहद एक गुण अनेक.  आयुर्वेद और सिद्ध  पद्धति में शहद को एक महत्वपूर्ण घटक माना  जाता है. इसलिए सबसे बेहतर विकल्प है कि आप इसे अपने दैनिक आहार का हिस्सा बनायें. इस प्रकार शहद के दैनिक और लगातार सेवन से शरीर को निरंतर ऊर्जा मिलती रहेगी. शरीर निरोग होगा. पाचन तंत्र मजबूत होगा. आलस्य दूर होगा, काम करने में मन लगेगा. तनाव मुक्त रहकर आप अपने परिवार की देखभाल अच्छी तरह से कर पाएंगे. इसलिए शहद का सेवन नियमित करें और निरोग रहें. धन्यवाद!

यू सी ब्राउज़र से इन्टरनेट पर तेजी से सर्च करें



जब हम ब्राउज़र की बात करते हैं तो हमारे मन में एक ही विचार आता है कि ब्राउज़र इतना तेज चले कि कोई भी वेबसाइट झट से खुल जाये और अपना काम तुरंत हो जाए. खास तौर पर जब हम मोबाइल पर इन्टरनेट सर्फिंग करते हैं या टैब पर किसी वेबसाइट को खोलना चाहते हैं. जब मनचाहा साईट जल्दी से नहीं खुलता है तो अन्दर ही अन्दर कोसते हैं उस ब्राउज़र को. वेबसाइट या फेसबुक या अन्य साईट के नहीं खुलने से बहुत परेशानी भी होती है. सही समय पर सन्देश नहीं पहुँच पाता. कई बार आप क्रिकेट का लाइव स्कोर देखना चाहते हैं कि ब्राउज़र का गोल चक्का गोल गोल घुमने लगता है और घूमता ही जाता है. उस समय क्या सोचते हैं आप, तनिक सोचिये. लेकिन अब आपकी इन समस्याओं का समाधान मिल गया है. मैं तो यक़ीनन ऐसी स्थिति में UC Browser का ही इस्तेमाल करूंगी. 
जाहिर सी बात है हर कोई फ़ास्ट ब्राउज़िंग चाहता है. व्यर्थ में अपना समय क्यों गवाएं. मुझे लगता है कि मेरे पोस्ट को पढने से पहले आप इस विडियो को जरुर देखें. 




UC Browser के प्रोडक्ट कंसलटेंट मशहूर क्रिकेटर युवराज सिंह हैं. इस विज्ञापन में एक क्रिकेट फेन क्रिकेट का लाइव अपडेट देखना चाहता है लेकिन ब्राउज़र का गोल चक्का घूमता ही जाता है. दूसरे  विज्ञापन में चोर भी ब्राउज़र की गति को देख और क्रिकेट अपडेट देखने के लिए चोरी करना भूल जाता है.  महादेव को भी कैलाश पर्वत पर ब्राउज़िंग में दिक्कत आती है. भला हो युवराज रूपी नारद का जो पूरे जगत का हाल चाल मालूम रखते हैं और भोले नाथ को भी UC Browser  प्रयोग करने का सलाह देते हैं. मुथ्थु वाले विज्ञापन में मुथ्थु अपने restaurant के लिए रेसिपी डाउनलोड नहीं कर पाता है. UC अन्ना आते हैं उसका काम बनाते हैं, UC Browser इनस्टॉल करवाते हैं.
सचमुच UC Browser अपने नए अवतार में आया है यंग है, फ्रेश है, युवा अपील है, क्रिकेट है, अपडेट है, कमेंटरी है, कमेंट्स करने का आप्शन है.  इसलिए यू सी अन्ना की  बात मानो और UC Browser का इस्तेमाल करो. Surf it All! Surf  it  fast! 
एक विशेष बात क्रिकेट को चाहने वाले लोगों के लिए. इस ब्राउज़र में UC Cricket का जोन है जो मुख्या रूप से क्रिकेट के लिए बनाया गया है. भारत में क्रिकेट का बुखार जब लोगों पर चढ़ता  है तो वे क्रिकेट देखने के लिए क्या से क्या कर देते हैं. कोई पेड़ पर चढ़कर मैच देखता है, तो कोई पानी की टंकी पर चढकर देखता है. कोई स्कूल से भागकर किसी दुकान के आगे खड़ा होकर मैच देखता है तो कोई रेडियो कमेन्ट्री सुनकर काम चलाता है. लेकिन अब समय बदल चुका  है. आपके पास UC Cricket है जब चाहो इसको ब्राउज कर क्रिकेट का बाल- दर- बाल अपडेट लेते रहो. किसी भी आगामी मैच की सूचना  ब्राउज़र आपको मैच शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही भेज देगा, मिस करने का कोई चांस नहीं है. मैं तो इस ब्राउज़र का इस्तेमाल इसलिए करुँगी क्योंकि यह तेज है, इजी टू यूज़ है, और लेटेस्ट है. आप भी एक बार जरुर ब्राउज करके देखना. धन्यवाद!

Jul 8, 2015

खुल जाए बचपन ख़ुशी के पल

कहा गया है बचपन हर गम से बेगाना होता है. बच्चे मन के सच्चे होते हैं. लेकिन क्या आपको पता है बच्चों का पालन पोषण किस तरह से किया जाना चाहिए. अंग्रेजी का एक शब्द है – Buddy Parenting. आखिर ये buddy parenting क्या है? बच्चों को अपना दोस्त मानकर जब उसका पालन पोषण किया जाता है तो उसे buddy यानि मित्रवत माना जाता है. 
जब बच्चे यह जान जाते हैं कि मेरे माता –पिता मुझसे मित्रवत व्यवहार करते हैं तो वह पूरी तरह से खुल जाते हैं और उनका बचपन पूरी तरह से खिल जाता है. हमारे सामने बहुत ऐसे ख़ुशी के पल आते हैं जो हमें अपने बच्चे देते हैं. ज्यादातर माता पिता अपने बच्चों को छोटा और अवोध समझकर उनकी तरफ ध्यान नहीं देते हैं. मैं यहाँ एक दो किस्से का जिक्र करना चाहूँगा जहाँ मैंने अपने बच्चों से सीखा है. आजकल के बच्चे electronic गैजेट्स  को use करने माहिर हैं. खासकर मोबाइल को हैंडल करने में. जब मुझे मोबाइल का function समझने में दिक्कत आती है तो मेरा बेटा झट से उसे कर देता है. 



सवाल यह उठता है कि बच्चे कब पूरी तरह से खुल जाते हैं? जब उन्हें लगता है कि उनकी बात को अच्छी तरह से सुना जा रहा है. इसके लिए माता पिता को एक अच्छा listener बनना पड़ता है. यदि आप अपने बच्चे का नैसर्गिक विकास चाहते हैं तो बच्चों के क्रिएटिविटी को nourish करना होगा. अपने बच्चों पर अपने आदेश मत थोपिए. उन्हें समझने कोशिश कीजिये. उनके साथ अपनी बातों को शेयर कीजिये. जब मैं कभी बीमार होती हूँ मेरे बच्चे मेरी न सिर्फ देखभाल करते हैं बल्कि वे वह सब करते हैं जो हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा. एक बार मैं बीमार थी, तीन चार दिन हो गए थे. काफी कमजोरी हो गयी थी. डॉक्टर ने कहा – अगर हीमोग्लोबिन काम हो जायेगा तो ब्लड भी  चढ़ाना पर सकता है. बच्चों ने यह बात सुन ली. मेरा बेटा जो दस साल का है, डॉक्टर के पास जाकर बोला डॉक्टर अंकल. आप मेरे ब्लड मम्मी को चढ़ा दीजिये. मैंने टीवी में देखा है कि बेटा का खून मम्मी के खून से मिल जाता है. हम लोग उसकी इन बातों को सुन हैरान हो गए. डॉक्टर ने कहा – नहीं बेटे! आपकी मम्मी को आपके खून की जरुरत नहीं पड़ेगी. वे दवाई से ही ठीक हो जायेंगी. इस तरह के कई ऐसे उदहारण आते हैं जहाँ बच्चे बड़ों से भी आगे निकल जाते हैं. बचपन में बच्चों की तोतली बातें मन को मुग्ध कर देती हैं. आज सूर्य वंशम वाले रोबदार पिता की कोई जरुरत नहीं है जिसे देखकर बच्चों के मुंह से जवान गायब हो जाए. ऐसे भी कहा गया है कि बच्चों को पांच साल तक लाड़ प्यार देना चाहिए, दस साल तक विशेष देखभाल करनी चाहिए और जैसे ही बच्चे सोलह साल के हो जाएँ उनको मित्रवत देखना चाहिए. ख़ुशी के पल तभी आयेंगे, जब खुल जायेगा बचपन, बचपन तभी खुल पायेगा, जब बच्चो के साथ होगा मित्रवत आचरण. 

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Jul 4, 2015

आस

आस लगाये 
तेरे दर पे आया 
मुरलीवाला


Jun 15, 2015

संगीत और नृत्य का जादू

राजू, पप्पू , सोमदेव और जावेद चारों स्कूल के दोस्त हैं. जब चारों मिलते खूब धमाल मचाते. सोमदेव के साथ एक हादसा हुआ, जिसमे वह बहुत बुरी तरह से जख्मी हो गया. इलाज चला, ठीक तो हो गया, लेकिन चल नहीं पाता है. जब कोई उसे सहारा देता है तभी वह थोडा- थोडा चल पाता है. वह अपने घर पर ही रहता है. माँ साथ में रहती है. पापा बाहर job करते हैं. सोमदेव के तीनो दोस्त अब कॉलेज में पढ़ते हैं, बाहर रहते हैं लेकिन जब भी छुट्टी में आते हैं अपने दोस्त से मिलने जरुर आते हैं.


सोमवार का दिन. सोमदेव, पप्पू और जावेद ड्राइंग रूम में बैठकर बातें कर रहे हैं, उसी समय  राजू चहकता हुआ आता है और चिल्लाकर बोलता है – “अरे ओ यारों! पता है क्या खबर लाया हूँ. आज अपने आई ओ सी का annual day है. आज रात आई ओ सी कंपाउंड मथुरा में कोई शानदार प्रोग्राम होनेवाला है. ये देखो मैंने चार पास का जुगाड़ कर लिया है.”
सोमदेव बोला – “लेकिन मैं कैसे जा सकता हूँ.” जावेद बोला – “छोड़ यार सोमू , जहाँ चार यार मिल जाएँ वहां कोई प्रॉब्लम नहीं.”
रात को चारों दोस्त आई ओ सी कंपाउंड  प्रोग्राम देखने पहुंचे. रात आठ बजे प्रोग्राम शुरू हुआ. पहले तो लोकल कलाकारों ने अपनी कला प्रस्तुत की. तभी एंकर ने घोषणा किया - " अब आपके बीच आ रहीं हैं बॉलीवुड और साउथ में तहलका मचाने वाली मशहूर पॉप सिंगर और मॉडल अनुष्का मनचंदा. अनुष्का के स्टेज पर आते ही वहां का माहौल ही बदल गया. गैलरी में उपस्थित हजारों लोगों ने  तालियों से अनुष्का का जोरदार स्वागत किया.
अनुष्का ने जैसे ही गाना शुरू किया. वहां जैसे नीरवता छा गयी. सारे दर्शक मंत्रमुग्ध से हो गए. सच ही कहा गया है - संगीत वह शक्ति है जो मानव मन के तारों को झंकृत कर देती है. अनुष्का ने ऊँगली फिल्म का गाना गया जिसका उसने प्ले बैक सिंगिंग किया है.
अनुष्का के दूसरे  गाना से पहले एक बार फिर एंकर ने उद्घोषित किया – “अब आप वह देखने जा रहे हैं जो आज से पहले कभी नहीं हुआ है. एक तरफ अनुष्का की मादक आवाज होगी और दूसरी तरफ होंगे डांसिंग के बादशाह - अल्लू अर्जुन.” अल्लू अर्जुन का नाम सुनते ही जनता तो जैसे पागल हो गयी. अनुष्का ने गाना शुरू किया और अल्लू अर्जुन और असिस्टेंट डांसर्स ने डांस करना शुरू कर दिया. पहले गाना तक तो हम चारों दोस्त शांत ही बैठे रहे लेकिन जैसे ही दूसरा गाना शुरू हुआ, हम लोग अपने आपको रोक नहीं पाए, हम तीन दोस्त अपने सीट पर ही उठकर डांस करने लगे. सोमू लाचार सा सिर्फ अपना हाथ ऊपर उठाकर हिला रहा था मानो वह भी डांस ही कर रहा हो. ...
लोगों ने चिल्लाना शुरू किया - दम मारो दम .... दम मारो दम .... अनुष्का ने जैसे ही दम मारो दम गाना शुरू किया .. अल्लू अर्जुन के स्टेप्स और पैरों की गति देख वहां की भीड़ स्तब्ध थी, चुपचाप... इन दो दिग्गज कलाकारों की प्रतिभा को देख रहे थे. एक तरफ संगीत का जादू था तो दूसरी तरफ डांस की गति. इसी बीच अल्लू अर्जुन ने अपने दोनों हाथ उठाकर दर्शकों को भी डांस करने के लिए इशारा किया. हम तीनो दोस्त बगल में ही खाली जगह पर डांस करने लगे. सब अपनी अपनी धुन में लगे थे. किसी को किसी की सुध-बुध नहीं. अचानक हम तीनों दोस्त हतप्रभ से सोम़ू को देखने लगे. सोमू भी हमारे बगल में डांस कर रहा था. यह किसी जादू से कम नहीं था. जो लड़का कई महीनो से चल फिर नहीं पा रहा था, आज वह अपने पैरों पर खड़ा होकर डांस कर रहा है. सचमुच संगीत और नृत्य में अद्भुत शक्ति होती है. हमलोग एंकर के पास गए और उन्हें यह सारी बात बताई. अल्लू अर्जुन और अनुष्का ने हम चारों को स्टेज पर बुलाया. अल्लू अर्जुन ने अपनी Hat  सोमदेव को पहनाई. सचमुच यह कार्यक्रम अद्भुत था.

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Jun 12, 2015

त्वचा की देख भाल के लिए प्राकृतिक उपाय


मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग इसकी त्वचा है. यदि त्वचा को पूरी तरह से खोल दिया जाय तो इसका आकार एक कम्बल से बड़ा हो जायेगा. अच्छा दिखना, अच्छा लगना हर कोई चाहता है. पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए आकर्षक दिखना बहुत मायने रखता है. त्वचा (skin) यदि मुलायम और चमकीला हो तो फिर क्या कहने. आजकल ज्यादातर लोग त्वचा सम्बंधित बिमारियों जैसे  कील -मुहांसे आदि से परेशान रहते हैं. बाजार में हजारों तरह के synthetic products available हैं, लेकिन क्या ये products हमारे skin के लिए लाभकारी हैं. नहीं. आइये इस पोस्ट में कुछ natural चीजों के बारे में जानते हैं जिनके प्रयोग से त्वचा मुलायम और स्निग्ध बनता है और प्राकृतिक रूप से सौंदर्य में निखार आते जाता है.
१.    पपीता, शहद और नींबू को अच्छी तरह से मिलकर त्वचा पर लगाने से skin soft होता है. पपीता में पपेन नाम का एक enzyme होता है जो dead cells के layer को उतार देता है. शहद एंटी बैक्टीरियल होता है. यह त्वचा को मुलायम बनाता है. नींबू में citric acid होता है जो skin में निखार लाता है.
२.    उबटन के बारे में तो शायद सबको पता ही होगा. यह एक पारंपरिक फेस पैक होता है. हर शादी विवाह से पहले उबटन लगाने की परंपरा रही है. आपको पता है उबटन क्या होता है? हल्दी, चन्दन, बेसन और दूध को मिलाकर उबटन तैयार किया जाता है. यह आयुर्वेदिक लेप का स्पर्श जादुई होता है. हल्दी में युक्त Antioxidant  और चन्दन की शीतलता त्वचा के ढीलेपन को दूर करता है. बेसन dead cells को हटाता है और त्वचा को protein प्रदान करता है. दूध त्वचा को मुलायम बनाकर उसमें निखार लाता है. आपने "VICCO Turmeric Cream" का नाम जरुर सुना होगा, इसका मुख्य अवयव tumeric यानि हल्दी होता है. यह एक स्वयंसिद्ध आयुर्वेदिक फेस पैक है जिसे कोई भी लगा सकता है. यह सबके लिए फायदेमंद होता है. इसमें चने के बेसन की जगह लोग जौ का बेसन भी प्रयोग में लाते हैं.
३.    त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए उचित मात्रा में पानी पीना चाहिए. विशेष रूप  से गर्मी के दिनों में. भरपूर पानी पीने से त्वचा मुलायम बना रहता है. यदि त्वचा में ढीलापन है तो मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाना चाहिए. इससे त्वचा में कसाव आता है.
४.    जिनका skin oily है उन्हें skin से extra oil हटाने के लिए कोई अनाज वाला स्क्रब लगाना चाहिए. यह extra आयल को absorb कर लेता है और skin सुन्दर दीखने लगता है.
५.    त्वचा को अंदरूनी पोषण मिलता रहे इसके लिए Macro-nutrients के साथ ही साथ Micro-nutrients  भी चाहिए. ताजे फल औरहरी सब्जी का संतुलित सेवन करने से त्वचा स्वस्थ और मुलायम बनी रहती है.
६.    एक अन्य तरीके से फेस पैक बनाया जाता है. दो चम्मच क्रीम, ककड़ी का गुदा, पपीता का गुदा और एवोकेडो को अच्छी तरह से मिलाकर फेस पैक तैयार कर लें. इसे चेहरे पर 20-25 मिनट तक लगाकर रखें. त्वचा कांतिमय होकर चमकने लगता है.
आज के इस बाजारू युग में सौंदर्य और ब्यूटी के नाम पर केमिकल आपके चहेरे पर पोता जा रहा है. यह कुछ समय के लिए बहुत ही सही लगता है लेकिन एक समय के बाद आपकी त्वचा कांतिहीन और शुष्क हो जाती है. केमिकल युक्त इन प्रसाधनों से दूर रहें. प्रकृति से जुड़े. आयुर्वेदिक उत्पादों का प्रयोग करें. इसका कोई side effect नहीं होता.

May 18, 2015

My First Expert @My mom

When do you need an expert? The answer is: When you are in trouble or unable to do a work properly or you are helpless. It is said that mother is the first teacher. When I remember the whole thing in this context, I feel every time, life without mother is almost impossible for me. From homework to kitchen work, from drawing to playground, I always find my mom as an expert.
I would like to mention the expertise of my mother with an example. That year I passed my class 12th and I have to go to college. The college was around 7-8 kilometers away from my residence. My father was out of town on account of his job. He used to come once in a month. The transportation facility of the town was very poor. My mom told me to use a scooter to go to my college.  It was very difficult for me to ride scooter. My mom is like a fighter. She used to go to someplace every day. When I asked where you went. She did not reply. 



After 15 days, she was very happy. I was very surprised to see this kind of happiness on my mom's face.  I was trying to find out the reason for that. But it was clueless.
In the evening, I saw a scooter coming towards my house. I was trying to recognize the face of the lady driving it. When it came close, I saw my mom was driving it perfectly.
I was full of joy. My mother came to me with smile and told me- If I can drive the scooter why not you. These words gave me confidence. My mom started my scooter driving class. After one week's practice, I was perfect in driving scooter. Today I drive scooter in a very busy city in India smoothly. But when I think about this incidence, I fill with joy. My mother who did not know to drive scooter, but when she found that it is essential for me to drive scooter as it will solve my one of the problem, she learned this.
I find that my mother is expert for everything for me. First she herself learned to drive scooter with the help of one of her close friend. Then she taught me to do the same. She equipped me with such a skill which is going to help me throughout my life. I salute this spirit of my mom. These days it is very common to drive scooter in cities by a girl. But when I learned driving, was very rare for a girl to go to college using scooter. My mom always encouraged me to go forward and take challenges. I can only say- My mom is an expert i.e. first expert for me. Thanks a lot Mom!