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Mar 13, 2015

मेहनत और भाग्य से घर का सपना पूरा हुआ

जब भी मैं यह गाना सुनती कि एक बंगला बने न्यारा तो मन ही मन सोचती: ईश्वर
मेरे घर के सपना को कब पूरा करेंगे. किसी छोटे शहर में भी अपना एक घर होना बहुत बड़ी बात होती है. इसके लिए सबसे जरुरी है एकमुश्त बड़ी रकम, जो मेरे लिए बहुत मुश्किल था. घर का खर्च, बच्चों की पढाई बचत के नाम पर मात्र कुछ हजार होते थे. खैर, जब अन्य बहुत सारे लोगों को किराये के मकान में देखती तो मन को खुद ही संतोष दिलाती, ये लोग भी तो हैं, इनके पास भी तो अपना घर नहीं है. मेरे ही घर के सामने एक और परिवार रहता था. उस घर का आदमी फ़ोन पर ज़ोर से बातें करता था, यह बात ग्राउंड फ्लोर पर रह रहे मकान मालिक को पसंद नहीं आयी, घर खाली करने का फरमान दे दिया. कुछ मकान मालिक तो जूते-चप्पल गिना करते थे. मुझे भी कई बार मकान बदलना पड़ा.
एक दिन हमने मन में ठान लिया कि चाहे जो भी हो जाये अपना घर लेने की कोशिश करनी चाहिए. हमने घर के लिए एक बजट बनाया और घर सर्च करने लगी. कई घर देखे. कुछ तो पसंद नहीं आयी, कुछ के डॉक्यूमेंट पुरे नहीं थे. खैर जो होना होता है हो के ही रहता है. प्रथम प्रयास में एक घर पसंद आया लेकिन वह हमारे बजट में नहीं था. कोई तीन लाख ज्यादा का था.



मैंने अपने पति को एक आईडिया दिया. क्यों न हम इसका कोई प्लाट डाल दें. हमने अपनी बचत से दो प्लाट खरीद लिये. साथ ही साथ अपनी बचत को भी जारी रखा. कोई दो साल बाद हमें अपने प्लाट को सेल करने का ऑफर आया. वह भी बहुत अच्छे दाम पर. हमने अपना प्लाट बेचने से  पहले अपने लिए घर देखना शुरू किया. कोई एक महीने के बाद एक अपार्टमेंट में एक घर पसंद आया. लेकिन यहाँ भी कुछ रकम का अंतर था. लेकिन जब जो चीज आपके पास आनेवाला होता है तो आकर ही रहता है. उस घर के मालिक को भी पैसों की जरुरत थी. दरअसल वह अपना घर अपनी बेटी की शादी के लिए रकम जुटाने के लिए बेच रहे थे. उन्होंने मुझे एक ऑफर दिया कि जो थोड़ी सी रकम शेष रहती है वह आप मुझे दो महीने बाद दे देना. कोई प्रॉब्लम नहीं है. अंधे को क्या चाहिए – दोनों आँखें. हम खुश तो थे लेकिन दो महीने बाद भी वह रकम कहाँ से आयेगी. यह समस्या थी. शायद उपरवाला यह सब देख रहा था. हम जो प्लाट बेचना चाहता था, उसका अचानक रेट बढ़ गया और हमारा काम बन गया. उस सज्जन व्यक्ति ने अपने कहे अनुसार मकान की लिखा-पढ़ी कर दी और हम लोगों ने भी तय समय सीमा के अन्दर सारी रकम चुका  दी. आज हमलोग अपने घर में सानंद रह रहे हैं. ईश्वर की लाख कृपा है. मेहनत और भाग्य दोनों ने मिलकर हमारे घर के सपना को पूरा कर दिया. 

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