यूँ तो जीवन में हर हमेशा
सुधार की गुंजाइश रहती है और लोगों को निरंतर अपने व्यक्तित्व के विकास पर धयान भी
देना चाहिए. चाहे यह स्वास्थ्य से जुड़ा हो या परिवार से, या व्यवहार से, या फिर
नौकरी से. ऐसे तो हर किसी को किसी न किसी रूप में लोग सलाह देते रहते हैं लेकिन
मैं यहाँ एक #SachchiAdvice का जिक्र करना चाहूंगी जिसने वाकई मेरे छात्र जीवन में
परिवर्तन ला दिया. जब भी मैं परीक्षा देती, परीक्षा परिणाम आने के बाद मेरे अंक
उतने अच्छे नहीं आते जितना मैं सोचती. मैं मन ही मन सोचती-मैंने लिखा तो सब कुछ
था, याद भी किया था फिर मेरे अच्छे अंक क्यों नहीं आते. मैंने यह बात अपने सी एच
सर को बताई. उन्होंने मुझे एक सलाह दी. जब भी तुम एग्जाम देने जाओ, अपने साथ घडी
जरुर ले जाओ. हर आधे घंटे पर घडी देखो और यह देखो कि तुम्हारी गति सही चल रही है
कि नहीं. अंतिम के 10 मिनट बचा कर रखो. इस
दस मिनट में तुमने अपनी उत्तर पुस्तिका में क्या लिखा है यह एक बार ध्यान से देखो.
अपने द्वारा लिखे गए उत्तर को एक बार पुनः देखने से यह पता चल जाता है कि कोई
प्रश्न छूट तो नहीं गया और कुछ इस तरह की गलतियाँ दीख जाती हैं जिसे तुम्हे स्वयं
देखकर आश्चर्य होगा कि ऐसी गलती मैंने कैसे छोड़ दी. मैंने उसने इस #SachchiAdvice
को ठीक तरह से समझ लिया.
कुछ महीने बाद मेरी वार्षिक
परीक्षा होनी थी. मैंने सर द्वारा दी गयी
सलाह को अपने सारे विषयों की उत्तर पुस्तिका लिखते समय भरसक पालन करने का प्रयास
किया. मैंने अंतिम के 10 मिनटों में जब अपने ही आंसर सीट को पढ़ा तो मुझे मालूम हुआ
कि परीक्षा देते समय मैं लिखावट संबंधी कितनी गलती करती हूँ. एक छोटी सी सलाह का
पालन करते हुए मुझे यह पता चल गया था कि एक सच्ची सलाह कितनी महत्वपूर्ण होती है.
उस बार मेरे नौवी क्लास का रिजल्ट आया और मेरा रिजल्ट बहुत ही अच्छा हुआ. मैं अपने
पूरे स्टूडेंट लाइफ में इसका पालन किया. Thanks to #SachchiAdvice!
“I am participating in the #SachchiAdvice Contest by MaxLife in Association with BlogAdda.”
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