नयानगर
जैसा कि पिछले पोस्ट में आपने पढ़ा कि मोती सिंह ने 300 बीघा जमीन अयोध्या नील कोठी के तत्कालीन कोठीवाल मार्शन से लीज पर लेकर नयानगर नाम से एक सूर्य मंडलाकार टोला बसाया था. बुजुर्गों का मानना है कि सूर्यमंडल में बास वाले स्थान पर धन से ज्यादा सरस्वती की वृद्धि होती है. इसके कई उदहारण हैं - बाबु रण बहादुर सिंह ( मोती सिंह के मौसेरा भाई और शिव कुमार के बाबा), उनके पुत्र ब्रज भूषण सिंह (रामायणी ), सुखदेव सिंह (गवैया), राम उचित सिंह (पहलवान, विधायक के चाचा), राम सहाय चौधरी, सबद चौधरी, रामेश्वर सिंह ( अतिथि सत्कार के लिए प्रसिद्द), राजेंद्र प्रसाद सिंह , राज्य सचिव, भाकपा, राम नरेश सिंह (ग्राम पंचायत पर्यवेक्षक), नन्ह्कुजी, मनोज कुमार (पी ओ), चंद्रदेव शर्मा (ओवरसियर), डॉ दिलीप कुमार शर्मा, दुलरुआ प्रसाद सिंह (फारसी के ज्ञाता ), रामजी सिंह, श्री नारायण शर्मा (अमीन), राजेंद्र प्रसाद सिंह (प्रधानाध्यापक ), मदनमोहन सिंह गाँधी(शिक्षक और समाजसेवी) आदि.
नयानगर का मौजे नंबर १२३ है. इसका बाउंड्री कमीशनर नंबर ३२८ और कलेक्टरी रजिस्टर नंबर ६१० है.
जैसा कि पिछले पोस्ट में आपने पढ़ा कि मोती सिंह ने 300 बीघा जमीन अयोध्या नील कोठी के तत्कालीन कोठीवाल मार्शन से लीज पर लेकर नयानगर नाम से एक सूर्य मंडलाकार टोला बसाया था. बुजुर्गों का मानना है कि सूर्यमंडल में बास वाले स्थान पर धन से ज्यादा सरस्वती की वृद्धि होती है. इसके कई उदहारण हैं - बाबु रण बहादुर सिंह ( मोती सिंह के मौसेरा भाई और शिव कुमार के बाबा), उनके पुत्र ब्रज भूषण सिंह (रामायणी ), सुखदेव सिंह (गवैया), राम उचित सिंह (पहलवान, विधायक के चाचा), राम सहाय चौधरी, सबद चौधरी, रामेश्वर सिंह ( अतिथि सत्कार के लिए प्रसिद्द), राजेंद्र प्रसाद सिंह , राज्य सचिव, भाकपा, राम नरेश सिंह (ग्राम पंचायत पर्यवेक्षक), नन्ह्कुजी, मनोज कुमार (पी ओ), चंद्रदेव शर्मा (ओवरसियर), डॉ दिलीप कुमार शर्मा, दुलरुआ प्रसाद सिंह (फारसी के ज्ञाता ), रामजी सिंह, श्री नारायण शर्मा (अमीन), राजेंद्र प्रसाद सिंह (प्रधानाध्यापक ), मदनमोहन सिंह गाँधी(शिक्षक और समाजसेवी) आदि.
नयानगर का मौजे नंबर १२३ है. इसका बाउंड्री कमीशनर नंबर ३२८ और कलेक्टरी रजिस्टर नंबर ६१० है.
सांस्कृतिक
उपलब्धियां
नयानगर
में नाट्य कला को जीवंत रूप
देने के लिए नरेश सिंह,
फुलेना सिंह
परिवार के श्री बिन्देश्वरी
सिंह का नाम मुख्य रूप से लिया
जा सकता है. कहा
जाता है कि नाटक मंचन के लिए
वे अपना पैसा लगाकर सामन खरीद
लेते थे. उस
समय उनको साथ देने वालों लोगों
में अधारपुर के श्री सिंघेस्वर
सिंह , महीप
नारायण सिंह तथा धेउरानी के
श्री गजाधर सिंह का नाम प्रमुख
रूप से लिया जा सकता है.
ऐसे इसका नए
सिरे से गठन मनोविनोद केंद्र
की स्थापना द्वारा हुई.
26 जून १९५६ को
श्री राम नरेश सिंह द्वारा
इसकी स्थापना की गयी.
ग्रामसेवक
नामक एक सामाजिक नाटक का प्रथम
मंचन किया किया जिसके लेखक
सिमरिया निवासी गौरीकांत
शशिधर नामक व्यक्ति थे जो खुद
एक ग्राम सेवक थे. मनोविनोद
केंद्र के प्रथम सम्मलेन का
उद्घाटन श्री विन्देश्वरी
सिंह तत्कालीन प्रधानाध्यापक
श्री विष्णुदेव नारायण उच्च
विद्यालय तेयाय के कर कमलों
द्वारा किया गया. जो
आज तक भी उतार चढ़ाव करते हुए
गतिशील है.
खेल
कूद
सर्वप्रथम
भूतपूर्व विधायक श्री राजेंद्र
प्रसाद सिंह द्वारा वॉलीबॉल
के खेल का आरम्भ हुआ. उन
दिनों राजो दा जन्दाहा उच्च
विद्यालय के छात्र थे.
वहीँ से खेल
सामग्री लाकर उन्होंने सर्वप्रथम
नयानगर नोन में खेलना शुरू
किया. यहाँ
इलाके के सभी खिलाड़ी खेलने
आते थे. लेकिन
बीच में इसमें शिथिलता आ गई.
बाद में फिर
ब्लू स्टार क्लब नयानगर की
स्थापना हुई और इसमें युवा
खिलाड़ी नियमित अभ्यास के लिए
आते हैं.
स्वास्थ्य
उपकेन्द्र नयानगर
2 अक्टूबर
१९६४ के प्रखंड विकास समिति
के निर्णय के आलोक में स्वास्थ्य
उपकेन्द्र की स्थापना हुई .
देवनारायण
सिंह और राम नरेश सिंह के भगीरथ
प्रयास से यह उपकेन्द्र इस
गाँव में खुल सका. इसकी
स्थिति बीच में काफी सोचनीय
था लेकिन ग्राम पंचायत राज
आने से अभी इसमें सुधार हुआ
है.
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया नयानगर
नयानगर
में १९८१ में स्टेट बैंक ऑफ़
इंडिया की शाखा खुली. यह
बैंकिंग
के दृष्टि कोण से एक
महत्त्वपूर्ण बात थी.
आस पास के कई
गाँव के लोग अपना दैनिक लेन
देन, ऋण
आदि के लिए यहाँ आते हैं.
इसका प्रमुख
श्रेय राजेंद्र प्रसाद सिंह
को जाता है.
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