प्रतिबिम्ब
विचारों का आईना ...
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Mar 20, 2014
मेरे शब्द
मेरे शब्द
कुछ कहे
कुछ अनकहे
मेरे जज्बात
कुछ भल
कुछ अनभल
मेरे गीत
कुछ सरस
कुछ नीरस
मेरे सपने
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम !
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