Pages

Apr 22, 2013

बहुआयामी प्रतिभा के धनी श्री सच्चिदानंद पाठक



Sri Sachchidanand Pathak
श्री सच्चिदानंद पाठक किसी परिचय के मोहताज नहीं है। आप एक अच्छे शिक्षक, कवि , मंच संचालक, लेखक और लोक गायक हैं। आपकी लेखनी खासकर लोक गीतों में समाज की कुरीतियों पर करारा  प्रहार होता है। पाठक जी को विद्वता विरासत में मिली है। इनके पिता स्व मंगल पाठक ग्राम रघुनन्दन पुर संस्कृत के उच्च कोटि के विद्वान थे। श्री सच्चिदानंद पाठक एक कुशल भजन गायक हैं । इनके भजन कर्णप्रिय होते हैं। आप हिंदी, संस्कृत, मैथिली और अंग्रेजी के अच्छे ज्ञाता हैं। इनके कई कैसेट भिन्न भिन्न कंपनी से निकल चुके हैं। इनके कुछ गीत बुढ़ारी में घिडारी, धैलोउन पेटकुनिया काफी लोकप्रिय हुए हैं।

No comments:

Post a Comment