दुलारपुर का रसलपुर मकदूम महाल
(महाराजी दियारा )
कहा जाता है कि महाराजा दरमंगा कार्तिक मास में गंगा सेवन करने हेतु अपने मुलाजिमों के साथ गंगातट आया करते थे। गंगा सेवन की अवधि में उन्हें अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। अतः उन्होंने अपनी एक जागीर खरीद ली जिसे रसलपुर मकदूम के नाम से जाना जाता है। जहाँ उनका शिविर लगता था, वह जगह अभी दुलारपुर दियारा में महाराजी नाम से प्रख्यात है। इन दिनों दियारा का यह भू भाग गंगा में हुए कटाव के कारण गंगा की गोद में चला गया है ।
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